लंबे इंतजार और जद्दोजहद के बाद आखिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने Kanpur के 110 वार्डों से लड़ने वाले प्रत्याशियों की List जारी कर दी। इस लिस्ट में बीजेपी के कई पुराने "योद्धा" चारो खाने चित्त हो गए। पुराने दिग्गजों मेें नीना अवस्थी ही अपनी टिकट बचाने में कामयाब हुईं। BJP ने चर्चित पार्षद रमापति झुनझुनवाला का टिकट काट दिया है। उनकी जगह प्रेम कुमार पांडेय को भाजपा ने टिकट दी है। प्रेम कुमार को प्रदेश महामंत्री सलिल विश्नोई के साथ RSS की शुरु से पहली पसंद बने हुए थे। शहर से कई और दिग्गजों के भी टिकट कटे हैं। पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होते ही आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरु हो चुका है। लेकिन जिनकों टिकट मिली है वो एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं।


[caption id="attachment_18146" align="aligncenter" width="672"] उत्तर प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ वार्ड 106 से पार्षद प्रत्याशी प्रेम कुमार पांडेय (फाइल फोटो)[/caption]

YOGESH TRIPATHI 

कानपुर। BJP में टिकट को लेकर सबसे अधिक मारामारी थी। विधायक से लेकर मंत्री तक कई वार्डों में अपने करीबियों और रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे थे। इसमें कई ऐसे भी आवेदक थे, जिन पर संगीन धाराओं में मुकदमें पंजीकृत हैं। पार्षदों की लिस्ट फाइनल होने के बाद भी कई बार दिग्गजों को बदलाव करना पड़ा। शुक्रवार को अंतिम मुहर लगने के बाद माना जा रहा था कि देर रात सूची जारी होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शनिवार दोपहर बाद बीजेपी ने मीडिया को लिस्ट जारी की।  



गौरतलब है कि www.redeyestimes.com की खबरों को प्रमुखता से बीजेपी हाईकमान ने संज्ञान में लिया। चर्चित पार्षद नवीन पंडित की टिकट 93 से फाइनल होने के बाद कट गई थी। इस खबर को पोर्टल ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद हाईकमान ने वार्ड 93 की गणित समझने के बाद नवीन पंडित के लिए फिर से OK कर दी। इसका खुलासा करीब 20 घंटा पहले पोर्टल ने ब्रेकिंग न्यूज के जरिए कर दिया था, कि नवीन पंडित को फिर से 93 से टिकट दे दी गई है। गौरतलब है कि www.redeyestimes.com ने लिस्ट के बाबत कई प्रत्याशियों के फाइनल होने का खुलासा किया था।



"माननीयों" पर भारी पड़े संगठन के पदाधिकारी

पार्षद प्रत्याशियों के चयन में शहर के मंत्रियों और विधायकों पर संगठन और RSS के कद्दावर नेता अंततः भारी पड़े। गोविंदनगर में मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कई सीटों पर अपने करीबियों को उतारने के लिए नाक का सवाल बना लिया था। सबसे अहम वार्ड नंबर 33 की लड़ाई थी, जिसे वह हार गए। इस वार्ड से संगठन ने घनश्याम गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है। घनश्याम गुप्ता को आवेदन से पहले धमकी तक दी गई थी। इस मामले को यूपी बीजेपी ने भी काफी गंभीरता से लिया। वार्ड 86 काकादेव और वार्ड नंबर 34 रतनलाल नगर समेत करीब आधा दर्जन वार्ड ऐसे हैं जहां से मंत्री सत्यदेव पचौरी के करीबियों का पत्ता संगठन ने पूरी तरह से साफ कर दिया। कुछ यही हाल किदवईनगर विधान सभा का भी रहा। यहां से विधायक महेश त्रिवेदी सिर्फ चार करीबी लोगों को टिकट दिलाने में सफल हुए। बाकी सीटों पर RSS और संगठन के क्षेत्रीय "चाणक्य" भारी पड़े। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वार्ड नंबर 16 परमपुरवा से राकेश पासवान का टिकट होना। राकेश का नाम ही लिस्ट में नहीं भेजा गया था। दीपू का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर गुरुवार की रात तक था लेकिन बाद में पत्ता साफ हो गया। वहीं इन सबसे उलट मामला आर्यनगर में रहा, यहां पूर्व विधायक सलिल विश्नोई की खूब चली। सूत्रों की मानें तो विधान सभा के चुनाव में भीतरघात करने वाले कई पूर्व पार्षदों के टिकट संगठन और RSS ने काट दिए।



 

 

 

 

 
Axact

Axact

Vestibulum bibendum felis sit amet dolor auctor molestie. In dignissim eget nibh id dapibus. Fusce et suscipit orci. Aliquam sit amet urna lorem. Duis eu imperdiet nunc, non imperdiet libero.

Post A Comment:

0 comments: