आप ने इंसानों को तो जेल से बाहर आते देखा होगा लेकिन किसी गधे को नहीं। चौंकिए नहीं लेकिन यह सच है। यूपी के बुन्देलखंड स्थित जालौन जिला कारागार में 24 नवंबर को जेल में बंद किए गए 8 गधों को बीजेपी नेता की सिपाऱिश पर मंडे की शाम को रिहा कर दिया गया। इन गधों पर आरोप है कि जेल में प्लांटेशन के लिए लाए गए पांच लाख रुपए के कीमत के पौधों को चर लिया। 


[caption id="attachment_18434" align="aligncenter" width="670"] उरई की जिला कारागार से रिहाई के बाद बाहर आता 8 गधों का झुंड।[/caption]

जालौन। उत्तर प्रदेश के बुन्देलखंड स्थित जनपद जालौन में एक अजीबो-गरीब मामला प्रकाश में आया है। पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाने के मामले में जेल भेजे गए 8 गधों (Donkey) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) लीडर की सिपारिश पर रिहा कर दिया गया। सभी गधे 24 नवंबर को जेल भेजे गए थे। बताया जा रहा है कि उरई के जिला कारागार में प्लांटेशन के लिए करीब पांच लाख रुपए के कीमत के पौधे लाए गए थे, जिन्हें इन गधों पर चर लिया था। इसके बाद पुलिस वालों ने गधों को जेल भेज दिया।


तो इस लिए जेल भेजे गए थे सारे गधे


जिला कारागार के हेड आरक्षी आरके मिश्रा के मुताबिक कुछ दिन पहले सुपरिंटेंडेंट सीताराम शर्मा ने करीब पांच लाख रुपए के कीमत के पौधे प्लांटेशन के लिए मंगवाए थे। इन पौधों को जिला कारागार के अंदर लगवाया जाना था। बताया जा रहा है कि बाहर घूमने वाले गधों ने इन कीमती पौधों को चर लिया। जब इन गधों के मालिक को सूचना देकर ले जाने के लिए कहा गया तो उसने नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद जेल सुपरीटेंडेंट की पहल पर उरई की कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई कर गधों को जेल भेज दिया।

गधों के जेल जाने के बाद मालिक ने मांगी BJP लीडर से मदद


पुलिस ने सभी आठ गधों को जेल भेज दिया। इसकी भनक जब गधों के मालिक को लगी तो वह परेशान हो गया। सोमवार को गधों के मालिक ने एक बीजेपी लीडर से मुलाकात कर पूरे मामले से अवगत कराते हुए मदद मांगी। इस पर बीजेपी नेता गधों के मालिक के साथ जिला कारागार पहुंचे और सुपरीटेंडेंट से गधों की रिहाई के लिए बात की।

पहली बार किसी जेल से बाहर आए गधे


जानकारों और प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जेल से इंसानों को आते हर रोज देखा जाता है लेकिन किसी जेल से गधों के रिहा होते पहली बार देखा गया। जिला कारागार से गधों के रिहा होने की खबर मिलने पर जनपद में खूब चर्चा हो रही है।
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