आतंकवादियों और उनके संगठनों के लिए "काल" बन चुकी ATS को अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर प्रत्येक जिले में ATS swat team का गठन किया जाएगा। आगरा और बनारस की टीमों को प्रशिक्षण देकर रवाना किया गया।
[caption id="attachment_17364" align="aligncenter" width="926"] ATS swat team[/caption]
कानपुर। अत्याधुनिक हथियारों से लैस की गई एंटी टेररिस्ट स्कॉवयड ATS swat team अब और भी खतरनाक हो गई है। आतंकियों और उनके संगठनों पर नकेल कसने के लिए ATS swat team का गठन किया गठन किया गया है। शनिवार को UP ATS के स्पॉट प्रशिक्षण केंद्र में ADG L/O आनंद कुमार, ATS के IG असीम अरुण, SSP प्रभाकर चौधरी ने असलहों को बारीकी से पऱखने के बाद निरीक्षण किया।
आतंकियों पर नकेल कसने के लिए बनी ATS swat team
ADG L/O आनंद कुमार ने बताया कि आतंकियों और उनके संगठनों पर नकेल कसने के लिए सूबे के प्रत्येक जनपद में ATS swat team बनाई जाएगी। फिलहाल अभी बनारस और आगरा की स्वाट टीम पूरी तरह से मोर्चा लेने के लिए तैयार हो चुकी है। ये दोनों ही टीमें अपने मिशन पर शनिवार को रवाना हो गईं।
कठिन ट्रेनिंग के बाद तैयार की जा रही है ATS swat team
IG ATS असीम अरुण ने बताया कि ATS swat team का गठन कड़ी ट्रेनिंग के बाद ही किया जा रहा है। इस टीम का गठन बड़े आपरेशन और आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए किया गया है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में कई आतंकी संगठनों के सक्रिय सदस्य, स्लीपिंग माड्यूल्स और एजेंट ATS ने गिरफ्तार किए हैं।
ATS ने दिया ATS swat team को प्रशिक्षण
स्पॉट प्रशिक्षण केन्द्र में ATS swat team को प्रशिक्षण देने के लिये पिछले 21 से 23 सितंबर तक आयोजित शिविर में ATS के अफसरों ने ही स्वाट टीम को कठिन ट्रेनिंग दिलाई। यह प्रशिक्षण शिविर शनिवार को संपन्न हो गया। इस ट्रेनिंग में आगरा और बनारस की स्वाट टीमों ने ट्रेनिंग ली। ADG कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार ने प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षणार्थियों को पुरस्कार भी दिया। स्पॉट प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित यह प्रशिक्षण बेसिक पुलिस टैक्टिस, स्पेशल पुलिस टैक्टिस, फायर आर्म्स व फिजिकल ट्रनिंग पर आधारित था।
आगरा से 22 और बनारस से 20 पुलिस कर्मियों ने हिस्सा लिया
ATS swat team के प्रशिक्षण शिविर में आगरा के 22 और बनारस के 20 पुलिस कर्मियों ने भाग लिया। एडीजी कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार के मुताबिक स्वाट टीमों को प्रत्येक जनपदों में सर्किल अफसर की तरफ से भी ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि यह टीम ATS से संपर्क स्थापित कर हाई रिस्क आपरेशन, अपराधों और आतंकियों पर नकेल कस सके।
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