नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने UP Police में करीब छह साल से स्थगित 3500 से अधिक सब इंस्पेक्टररों, प्लाटून कमांडरों की चयन एवं नियुक्तियों को हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने ने हाईकोर्ट इलाहाबाद और लखनऊ पीठ की तरफ से समय-समय पर दिए गए निर्देशों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में बसपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई चयन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में किसी भी याचिका पर विचार करने से रोक दिया।

गौरतलब है कि सपा सरकार ने भी इस प्रक्रिया को आगे ले जाने के प्रयास किए थे, लेकिन कई मुकदमों के चलते सफलता नहीं मिली। वर्तमान भाजपा सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि पुलिसक र्मियों की अत्यंत आवश्यकता है क्योंकि छह साल से उपनिरीक्षकों के पदों के लिए कोई नियुक्ति नहीं हुई है।

न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने कई अपीलों पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया जो 3,533 उम्मीदवारों में से आखिरी उम्मीदवार का प्रशिक्षण पूरा न होने तक जारी रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में हमारा मत है कि यह उचित होगा अगर राज्य को पहले ही प्रशिक्षण शुरू कर चुके उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति और निर्देश दिया जाए।
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