इंदौर। करीब 68 साल से महिला मरीजों का मुफ्त इलाज कर रहीं पहली भारतीय महिला MBBS पद्मश्री भक्ति यादव ने दुनिया को अलविदा कह दिया। “डॉक्टर दादी” के नाम से मशहूर रहीं भक्ति यादव ने मंडे को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अंतिम सांस ली। 92 साल की “डॉक्टर दादी” चिकित्सा सेवा में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए अप्रैल 2017 में भारत सरकार ने उनहें पद्मश्री अवार्ड से नवाजा था। उनके निधन पर देश की जानी-मानी हस्तियों से अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। यादव महासभा के राष्ट्रीय महासचिव और समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव ने भी पद्मश्री भक्ति यादव के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है।

सन 48 से कर रही थीं मरीजों की मुफ्त सेवा

पद्मश्री भक्ति यादव ने अपना पूरा जीवन मरीजों की सेवा में लगा दिया। सन 48 यानि आजादी के बाद से ही वह महिला मरीजों का इलाज कर रही हैं। उन्होंने कभी मरीजों से फीस नहीं ली। शायद यही वजह रही कि जीवन के अंतिम दिनों में भी उनके पास से सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश से मरीज आते रहते थे।



10 माह पहले गिरने की वजह से हो गया था फ्रैक्चर

92 साल की “डॉक्टर दादी” पिछले साल नवंबर महीने में चलते समय अचानक गिर गई थीं। जिसकी वजह से उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था। उसके बाद से वह चलने में लाचार हो गईं। इधर कुछ दिनों से लगातार उनका स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया और सोमवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

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मरीजों से करती थीं बेहद लगाव

“डॉक्टर दादी” के नाम से मशहूर पद्मश्री भक्ति यादव स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं। महिला मरीजों के इलाज के दौरान वह उनके बेहद करीब रहती थीं। उनका यह मानना था कि शायद दवा से अधिक मरीज प्यार और समपर्ण का भाव से जल्द स्वस्थ्य होते हैं। अपने पूरे जीवन में कभी भी फीस न लेने वाली पद्मश्री भक्ति यादव ने पूरे देश में मुफ्त इलाज की पेशकश भी कर चुकी हैं।

“डॉक्टर दादी” का जीवन परिचय

“डॉक्टर दादी” के नाम से मशहूर देश की पहली महिला MBBS डॉक्टर भक्ति यादव का जन्म 3 अप्रैल 1926 में मध्य प्रदेश के उज्जैन जनपद स्थित महिदपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गारोथ शहर में पूरी की। आगे की पढ़ाई उन्होंने चाचा के साथ इंदौर में रहकर वहां के अहिल्या आश्रम विद्यालय से पूरी की।

यादव महासभा में शोक की लाहर

पद्मश्री भक्ति यादव के निधन की खबर मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई। अखिल भारतीय यादव महासभा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य चौधरी सुखराम सिंह यादव ने भक्ति यादव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देश और समाज दोनों की बड़ी क्षति हुई है। श्रीयादव ने कहा कि भक्ति जी आज की पीढ़ी के चिकित्सकों के लिए प्रेरणा स्रोत थीं। अपने जीवन में उन्होंने कभी किसी मरीज से फीस नहीं ली। यही वजह रही कि जीवन के अंतिम दिनों में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री जैसे अवार्ड से नवाजा। सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव ने कहा कि यादव महासभा ने भक्ति यादव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

वीडियो साभार, zee मीडिया
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