YOGESH TRIPATHI

कानपुर। 70वें स्वंत्रता दिवस के मौके पर Kanpur City एक बार फिर गौरवान्वित हो गया। सूबे के पुलिस महानिदेशक (DGP) सुलखान सिंह ने उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPSTF) के ASP राजीव नारायण मिश्रा को सम्मानित किया। राजीव नारायण मिश्रा Kanpur के South City स्थित किदवईनगर के रहने वाले हैं। वर्ष 1991 बैच के PPS अफसर राजीव नारायण मिश्रा ने शहर के क्राइस्चर्च कॉलेज से पढ़ाई की है। इन दिनों उनकी तैनाती गौतम बुद्ध नगर में है।

DGP के प्रशंसा पत्र से किए गए सम्मानित

पुलिस विभाग में यह पुरस्कार योग्य पुलिस कर्मियों को उनके सेवा क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि के लिए प्रदान किया जाता है। यूपी के चर्चित अंकित चौहान मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए राजीव नारायण मिश्रा को इस पुरस्कार के सम्मान से नवाजा गया है।

अप्रैल 2015 में हुआ था अंकित चौहान का Mueder

एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले अंकित चौहान की हत्या वर्ष 2015 में हुई थी। बदमाशों ने अंकिता का पीछा करते हुए उसे नोएडा रोड पर गोली मार दी थी। अंकित के “मर्डर मिस्ट्री” को सुलझाना पुलिस के काफी टेढ़ी खीर थी, लिहाजा मामला UPSTF को सौंप दिया गया।



“मर्डर मिस्ट्री” से दो साल बाद STF ने उठाया “पर्दा”

तकनीकी रूप से काफी दक्ष राजीव नारायण मिश्रा ने सर्विलांस के साथ CDR व अन्य तंत्रों के जरिए अंकित की “मर्डर मिस्ट्री” से जुड़े तमाम साक्ष्य और सबूत एकत्र करते रहे। चूंकि इस हत्याकांड में पुलिस के पास कोई ठोस और अहम सुराग नहीं था, इस लिए थोड़ा वक्त लगा। आखिरकार वर्ष 2017 के जून महीने में राजीव नारायण मिश्रा की अगुवाई में STF टीम ने अंकित चौहान के “मर्डर मिस्ट्री” से “पर्दा” उठाते हुए DCE के दो छात्रों को Arrest कर लिया।

3700 करोड़ के ऑनलाइन के खेल का भी बिगाड़ चुके हैं “खेल”

बेहद ईमानदार छवि के अफसर राजीव नारायण मिश्रा ने नोएडा में अपनी तैनाती के दौरान एक सामाजिक व्यापार कंपनी की तरफ से किए गए 3700 करोड़ रुपए के ऑनलाइन घोटाले का भी भंडाफोड़ कर चुके हैं।

वर्ष 2005 में आतंकवादियों से मोर्चा लेने पर मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार

STF के ASP राजीव नारायण मिश्रा के खाते में इससे भी बड़ी उपलब्धियां दर्ज हैं। साल 2005 में जब उनकी तैनाती यूपी के संवेदनशील जनपद फैजाबाद में थी तो वहां आतंकियों ने हमला किया था। राजीव नारायण मिश्रा की अगुवाई में Police ने आतंकवादियों से सीधा मोर्चा लिया। एनकाउंटर में पांच आतंकवादी ढेर हुए। इस बहादुरी और वीरता के लिए राजीव नारायण मिश्रा को वर्ष 2006 में राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला।
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