लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बढ़ते ग्राफ से घबराए विरोधी दल अब नई रणनीति और मंथन में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में सपा प्रेसीडेंट और Ex.CM अखिलेश सिंह यादव ने चार दिन पहले फैजाबाद में “देश बचाओ, देश बनाओ” रैली की थी। इस रैली के जरिए उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में अखिलेश सिंह यादव और उनकी प्रबल प्रतिद्धंदी रहीं BSP सुप्रीमों मायावती साथ-साथ दिखाई देंगे। चर्चा है कि यूपी में होने वाले दो संसदीय सीटों (गोरखपुर और फूलपुर) उपचुनावों में भी यह दोनों मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
राजनीतिक गलियारों में यह तगड़ी चर्चा है कि इन दोनों सीटों के उपचुनाव में सपा और बसपा हर कीमत पर उसे कब्जाने की कोशिश में रहेंगी। बीएसपी के पास लोकसभा की फिलहाल कोई सीट नहीं है। मोदी लहर में बसपा का यूपी से सूपड़ा तक साफ हो गया था। कमोवेश यही हाल तब की सत्ताधारी रही सपा का भी रहा। सपा ने यूपी में सिर्फ पांच ही सीटें जीतीं। ये सभी सीटें उनके परिवार के सदस्यों को मिलीं। इसमें डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, मुलायम सिंह यादव और मुलायम सिंह के नाती ही चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच सके थ।
दोनो मिलकर लड़े तो BJP की राह होगी मुश्किल
राजनीति के जानकारों की मानें तो यदि अखिलेश और मायावती ने मिलकर दोनों संसदीय सीटों पर उपचुनाव को लड़ा तो BJP के सामने निश्चित तौर पर उसकी राह आसान नहीं होगी। इस बात का अंदेशा BJP के शीर्ष नेतृत्व को भी है।
27 को पटनी की रैली में शामिल होंगे Akhilesh Yadav
बिहार की राजधानी पटना में 27 अगस्त को विशाल रैली आयोजित की जा रही है। इसका आयोजन RJD सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव की तरफ से किया जा रहा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव का इस रैली में भाग लेना तय माना जा रहा है लेकिन बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने फिलहाल अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं।
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