Uttarakhand government is benefiting Ramdev: Congress presidentThe right to determine the herb rate given to a business firm for the first time 




हरिद्वार। उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने राज्य में जड़ी-बूटियों के मूल्य का निर्धारण तय करने का अधिकार बाबा रामदेव की पतंजलि योग पीठ को दे दिया है। बिल्कुल स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड में पैदा होने वाली जड़ी-बूटियों का खरीद मूल्य राज्य सरकार नहीं, बल्कि अब पतंजलि तय करेगा। जानकारों की राय में माने में तो ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी सरकार ने प्राइवेट व्यवसायिक कंपनी को मूल्य तय करने का अधिकार सौंपा है। सूत्रों की मानें तो राज्य में बंद पड़े कुछ टूरिस्ट सेंटर भी संचालन के लिए पतंजलि को दिए गए हैं।


Meeting के बाद CM त्रिवेंद्र रावत ने लगाई मोहर


CM त्रिवेंद्र रावत और पतंजलि योगपीठ के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण की मौजूदगी में बीते शनिवार को हुई Meeting में यह सहमति बनी। गौरतलब है कि सरकार और पतंजलि के बीच प्रस्तावित सहयोग कार्यक्रम की समीक्षा के लिए यह Meeting बुलाई गई थी। बैठक में सीएम ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि जिन बिंदुओं पर पतंजलि के साथ सहमति बन गई है, उन पर MOU की तैयारी की जाए। सीएम ने जड़ी-बूटी उत्पादन विपणन को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की आवश्यकता बताई। पतंजलि योगपीठ की तरफ से इस दिशा में सहयोग के लिए सीएम ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का आभार जताया।

सरकार ने नियम और मानक को रख दिया ताक पर


किसी भी फसल या उत्पाद का न्यूनतम क्रय मूल्य सरकार तय करती है। ताकि किसानों को फसल का न्यूनतम मूल्य मिल सके। लेकिन जड़ी-बूटी के मामले में उल्टा हो रहा है। जड़ी-बूटियों का न्यूनतम क्रय मूल्य सरकार की बजाए आयुर्वेद के उत्पाद बनाने वाली कंपनी पतंजलि घोषित करेगी।

राज्य में अभी तक जड़ी बूटियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया जाता था। निर्णय लिया कि सरकार राज्य में मौजूद जड़ी-बूटियों की सूची पतंजलि को देगी। इसके बाद पतंजलि इनका न्यूनतम क्रय मूल्य तय करेगी।

बद्री गाय संवर्द्धन योजना भी पतंजलि योगपीठ को सौंपी


चंपावत के नारियाल गांव में सरकार की बद्री गाय संवर्द्धन योजना को अब पतंजलि योगपीठ संचालित करेगी। यह सरकारी फार्म 21 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यहाँ सैकडों गायें मौजूद हैं। पशुपालन विभाग ने अगले तीन महीनों के लिए पतंजलि से 1073 मीट्रिक टन चारे की डिमांड की है। जबकि पशुपालन विभाग पतंजलि को 12000 लीटर दूध की आपूर्ति करेगा। पतंजलि आयुर्वेद विवि के शोधार्थियों को अपनी लैब उपलब्ध कराएगा। पतंजलि की ओर से हरिद्वार के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हाईजीन संबंधी सुविधाएं विकसित करने की सहमति दी है। बैठक में आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत तथा पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, आयुर्वेद निदेशक अरुण कुमार त्रिपाठी सहित मौजूद थे।

एक कंपनी को एकाधिकार बिल्कुल ठीक नहीं


गुरुकुल कांगड़ी फार्मेसी, हरिद्वार के प्रभारी डॉ. दीनानाथ शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार का यह फैसला स्वीकार करने योग्य कतई नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखंड में पैदा होने वाली औषधियों पर एक ही संस्था का एकाधिकार हो जाएगा। यदि सरकार यह अधिकार अपने पास रखे तो वह तब भी सही है। लेकिन एक संस्था को इतना बड़ा अधिकार देना बिल्कुल उचित नहीं है। जबकि हिमालया ड्रग कंपनी के प्रेसिडेंट डॉ. एस फारुख ने कहा कि उत्पादक जिसके पास ठीक रेट मिलेगा उसको बेचेंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

"बाबा रामदेव की गोद में बैठी है BJP की सरकार"


उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बाबा रामदेव की गोद में बैठ गई है सूबे की सरकार। प्रीतम सिंह ने कहा कि मर्यादाओं और नियम-कायदों को ताक पर रखकर सरकार बाबा रामदेव की कंपनी को हर तरफ से लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही है। प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार जनता के लिए नहीं सिर्फ रामदेव के लिए ही कार्य करने में जुटी हुई है।
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