-करीब तीन महीना पहले CBI ने IFFCO के CEO ( Dr. US Awasthi) के खिलाफ दर्ज की थी FIR
-11 महीना पहले ED ने Dr. US Awasthi के ठिकानों पर की थी छापेमारी
Yogesh Tripathi

करीब तीन महीने पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अरबों रुपये के रिश्वत कांड में  IFFCO के Managing Director & CEO (Dr. U.S Awasthi) के खिलाफ (RC/221/2021/E0009) FIR रजिस्टर्ड की थी। करीब 684 करोड़ ₹ के रिश्वत घोटाले में Dr. Awasthi के साथ USA में रहने वाले उनके दो बेटों Amol & Anupam को भी CBI ने FIR में आरोपी बनाया। इतना ही नहीं रसूखदार Dr. US Awasthi के ठिकानों पर करीब 11 महीना पहले October 2020 में अरबों रुपये की "मनी लॉन्डरिंग" के आरोप में ED की Team ने छापेमारी की थी। 
देश की सबसे बड़ी सहकारिता संस्था IFFCO के (All in All) Dr.Awasthi पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप तो पिछले कुछ साल से लग रहे थे लेकिन "कोआपरेटिव किंग" Dr. US Awasthi का रसूख इतना तगड़ा था कि कभी उन पर देश की तमाम जांच एजेंसियां कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा पाईं। 21 May 2021 को काफी जद्दोजहद के बाद CBI ने किसी तरह FIR रजिस्टर्ड की।  लेकिन Twitter पर अपने साथ Home Minister Of India (Amit Shah) के साथ वाली तमाम फोटो को Tweet कर जांच एजेंसी को "बैकफुट" ढकेल दिया है।
Media Reports की मानें तो TV Channel & Social Media पर Home Minister के साथ IFFCO के CEO (Dr.Awasthi) की फोटो देख जांच एजेंसी के अधिकारियों की हलक सूख गई।
देश की राजधानी Delhi में IFFCO की तरफ से प्रायोजित भव्य कार्यक्रम में अमित शाह और दिलीप संघानी के साथ (Dr.Awasthi) भी मंच पर मंचासीन थे। Home Minister (Amit Shah) को गुलदस्ता देते हुए Dr.Awasthi के फ़ोटो की Social Media पर खूब चर्चा हो रही है।
खबरों की मानें तो दबी जुबान से CBI Officer's भी कह रहे हैं कि सार्वजनिक मंच पर एक बड़े आरोपी से दूरी होनी चाहिए थी। 
एक और जो चौंकाने वाली बात है वो ये है कि Dr. US Awasthi की पोल BJP के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने खोली थी। CBI ने अपनी Report में जिक्र किया है कि निशिकांत दुबे ने अवस्थी के फ्रॉड की शिकायत केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय से की थी। जिसके बाद Modi Government ने शिकायत की जांच मंत्रालय के विजिलेंस विभाग से कराई। जांच में पाया गया कि की Dr. Awasthi ने खाद सब्सिडी को लेकर बड़े-बड़े घोटले किए हैं। विजिलेंस ने पूरे घोटाले की जांच CBI को दी थी। 
Dr.Awasthi के दोनों बेटे Amol & Anupam अमेरिका में रहते है। रिश्वत की बड़ी रकम हवाला और अन्य माध्यम से उनकी कम्पनी के खातों में पहुंची। अवस्थी के सहयोगी परविंदर सिंह गहलोत और अमेरिका में रहने वाले उनके बेटे विवेक भी जनता के पैसों की लूट में शामिल बताये जाते हैं। गहलोत IFFCO की ही संस्था इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं। 

घोटाले से पर्दा उठाते हुए CBI ने खुलासा किया कि सारा खेल केंद्र सरकार से खाद यानि यूरिया पर मिलनी वाली सब्सिडी का था। दरअसल जो यूरिया विदेश से आयात की जाती है उस पर केंद्र सरकार सब्सिडी देती है। ये सब्सिडी आयात की गयी यूरिया के इम्पोर्ट प्राइस पर मिलती है। अगर इम्पोर्ट प्राइस के दाम को ज्यादा बढ़ाकर दिखाया जाये तो सब्सिडी ज्यादा मिलेगी।
FIR के अनुसार कुछ ऐसा ही काम Dr.Awasthi & Gahlot ने किया है। CBI के मुताबिक IFFCO ने दुबई में "Kisan International Trading" नाम से कम्पनी खोली। ये कम्पनी दुबई में ओवरसीज  सप्लायरों से यूरिया खरीदकर भारत भेजती थी। सूत्रों के मुताबिक Dr. Awasthi ने Kisan Trading के ज़रिये कई ओवरसीज कंपनियों से डील की थी। "जानबूझकर बढ़ी हुई कीमत पर यूरिया इम्पोर्ट करके अवस्थी और गहलोत ने सब्सिडी का बड़ा खेल किया। जांच से पता लगता है इस खेल से कमाया गया रुपया Dr.Awasthi और Gahlot के बेटों को अमेरिका में मिला"।   

बहरहाल चर्चाएं अब इस बात की भी हो रही हैं कि Dr.Awasthi जैसे बड़े "खिलाड़ी" जो IFFCO जैसी प्रतिष्ठित सहकारिता कम्पनी पर दशकों से "कुंडली" मारकर बैठें है, आज पारदर्शिता के खिलाफ काम कर रहे हैं। Modi Government ने देश के किसानों के हित के लिए जहाँ सहकारिता का अलग मंत्रालय बनाया वहीँ अवस्थी जैसे लोग इस नए प्रयोग पर "ग्रहण" के तौर पर देखे जा रहे हैं। 
Axact

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