-RTI Activist सौरभ भदौरिया ने गृह मंत्रालय से की थी शिकायत
-गृह मंत्रालय ने कार्मिक मंत्रालय को सौंपा था पूरा मामला
-चीफ सेकेट्री को मिला कार्मिक मंत्रालय की तरफ से निर्देश
सौरभ भदौरिया (आरटीआइ एक्टीविस्ट/अधिवक्ता) |
Central Desk
STF के हाथों Encounter में मारे जा चुके Gangster Vikas Dubey और उसके परिवार की तमाम बेनामी संपत्तियों की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने के लिए RTI Activist सौरभ भदौरिया की शिकायत पर कार्मिक मंत्रालय ने चीफ सेकेट्री को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया है। सौरभ भदौरिया का कहना है कि मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि यदि जांच नहीं कराई जाती है तो CBI, ED समेत तमाम जांच एजेंसियों से पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जल्द ही वह चीफ सेकेट्री (यूपी) के सामने पेश होकर पूरे मामले पर अपना बयान दर्ज कराएंगे।
Bikru Case को करीब 8 महीने हो चुके हैं। गैंगस्टर विकास दुबे समेत 6 अपराधी Encounter
में मारे गए और करीब
40 से अधिक लोग सलाखों के पीछे जा चुके हैं। Vikas Dubey के खजांची जयकांत बाजपेयी के खिलाफ पुलिस
ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की। सौरभ ने दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि पुलिस ने जयकांत बाजपेयी की तमाम संपत्तियों की जांच ही नहीं की। आरोप ये भी है कि जिन संपत्तियों पर कार्रवाई की उनकी कीमत काफी कम दिखाई है। आरोप ये भी है कि शस्त्र लाइसेंस और पासपोर्ट के मामले में भी पुलिस ने जयकांत को राहत देते हुए कुछ धाराएं हटा दी हैं।
बकौल सौरभ भदौरिया पुलिस ने विकास दुबे और उसके भाई के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई नहीं की। सौरभ का आरोप है कि एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस ने उसका घर तो गिरा दिया लेकिन तमाम बेनामी संपत्तियों को जब्त तक नहीं किया। सौरभ का आरोप है कि विकास दुबे की पत्नी, भाई और साले के पास तमाम बेनामी संपत्तियां हैं। जिनको अब तक जांच के दायरे में नहीं लाया गया है।
सौरभ का ये भी आरोप है कि केसी गोस्वामी और एसआइटी की जांच रिपोर्ट में दोषी पुलिस कर्मियों पर अभी तक “मेहरबानी” क्यों की जा रही है। तमाम पुलिस कर्मी अभी भी मलाईदार पोस्टिंग पर तैनात हैं। इन पुलिस कर्मियों को आखिर कौन संरक्षण दे रहा है ? इन पर आखिर कार्रवाई कब होगी ?
सौरभ का कहना है कि उन्होंने पूरे मामले की शिकायत गृहमंत्रालय से की थी। गृहमंत्रालय ने पूरे मामले को कार्मिक मंत्रालय को सौंप दिया। जिसके बाद यूपी के चीफ सेकेट्री को कार्मिक मंत्रालय ने पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं। सौरभ का कहना है कि जल्द ही वह चीफ सेकेट्री के समक्ष पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएंगे।
उल्लेखनीय है कि 2/3 जुलाई 2020 की रात्रि दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध गोलियों की बौंछार कर सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी।
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