सड़क, गलियों और बाजारों की छोड़िए अब महिलाएं नर्सिगहोम के ICU में भी सुरक्षित नहीं हैं। Kanpur के नौबस्ता स्थित मधुलोक नर्सिंगहोम में वार्डब्वाय ने ICU में भर्ती मरीज के साथ अश्लीलता करते हुए छेड़छाड़ की। पति ने नर्सिंगहोम के मालिक से शिकायत की तो वह मामले को दबाने की कोशिश में जुट गया। 100 नंबर पर सूचना के बाद पहुंची पुलिस आरोपी वार्डब्वाय को थाने ले गई। गौरतलब है कि ये कोई अस्पताल के ICU में इस तरह की पहली वारदात नहीं है। इससे पहले भी बर्रा के कर्रही में जागृति नर्सिंगहोम में युवती के साथ रेप की वारदात हुई थी। तब बवाल के बाद पुलिस और शहर के तमाम सफेदपोश नेता नर्सिंगहोम मालिक के साथ खड़े नजर आए थे। खास बात ये है कि दो साल पुरानी इस घटना की CD तक गायब हो चुकी है।
Yogesh Tripathi
नौबस्ता में 30 साल पुराना
है मधुलोक नर्सिंगहोम
वारदात नौबस्ता थाना एरिया
स्थित के ब्लाक मधुलोक नर्सिंगहोम की है। करीब तीन दशक से अधिक समय के पुराने इस
नर्सिंगहोम में बीते कुछ दिनों से सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। पीड़ित महिला के
मुताबिक वो आइसीयू में भर्ती है। रात में वार्डब्वाय आया और उसके शरीर को गलत
तरीके से छूने लगा। महिला ने घटना की जानकारी सुबह पति को दी। पति ने तुरंत
अस्पताल के मालिक लोकेंद्र सचान को मामले से अवगत कराया।
शिकायत पर डैमेज कंट्रोल
में जुटा प्रबंधन
पीड़िता का आरोप है कि
नर्सिंगहोम मालिक लोकेंद्र सचान साख पर बट्टा लगते देख मामले को मैनेज करने में
जुट गए। इसके बाद गुस्साए पति ने सूचना 100 नंबर पर पुलिस को दी। थोड़ी देर में
नौबस्ता थाने की फोर्स पहुंची और पीड़िता से बातचीत की। पीड़िता ने घटना की
जानकारी महिला पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस आरोपी वार्डब्वाय को थाने ले गई।
दहशत में नर्सिंगहोम के
मरीज
इस घटना के बाद नर्सिंगहोम
में भर्ती महिला मरीज खासे दहशत में हैं। हर किसी की जुबान पर एक ही शब्द है कि
आखिर महिलाएं सुरक्षित कहा हैं ? अबू तो अस्पताल में ही ये सब होने लगा है। वहीं, पूरे मामले
पर अस्पताल प्रबंधन मीडिया से पूरे समय दूरी बनाए रहा।
दो साल पहले जागृति
नर्सिंगहोम में हो चुकी बड़ी घटना
कानपुर के बर्रा में दो साल
पहले कर्रही रोड पर स्थित जागृति नर्सिंगहोम में एक वार्डब्वाय ने युवती के साथ ICU में रेप किया था। राजनीतिक
और कुछ मीडिया के लोगों की “छतरी” ओढ़े इस नर्सिगहोम के मालिक के समर्थन में तमाम राजनीतिक
दलों के “माननीय” और कुछ पत्रकार समर्थन में खड़े दिखाई दिए थे। पब्लिक ने तब अस्पताल में जमकर
तोड़फोड़ की थी।
कहते हैं कि पैसा बोलता है।
ये उस समय भी दिखाई दिया था। लाठीचार्ज के बाद पुलिस के
दबाव में धारा के साथ छेड़छाड़ कर रिपोर्ट दर्ज की गई थी। रेप की धारा हटाकर अन्य
धाराओं में पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन उसके बाद भी पुलिस पैसों के आगे
लाचार और असहाय दिखाई दी। मामले की विवेचना कर रहे तत्कालीन विवेचक ने “मोटी मलाई” खाई और केस से जुड़ी CD (केस डायरी) ही गायब कर दी।
कोर्ट के आदेश पर अभी कुछ महीना पहले ही विवेचक के खिलाफ भी बर्रा में रिपोर्ट
दर्ज की जा चुकी है।
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