“कागज के चंद टुकड़ों” के लिए "बेरहम" और "निर्दयी" हो चुके खनन माफियाओं की तरफ से लगातार जारी अवैध खनन के “खेल” में बुन्देलखंड की केन नदी अब “नाला” में तब्दील हो चुकी है। UP Police के सिपाही और दरोगा दूरबीन से लैस होकर इस नदी की सुरक्षा में लगे हुए हैं। सवाल सिर्फ सुरक्षा का नहीं है बल्कि हजारों लाखों जीवन का है जो इस नदी के नाले में तब्दील होने के बाद कहां जाएंगे ? इस भयावह हालात को रोकने के लिए निश्चित तौर पर जिला प्रशासन के साथ-साथ Uttar Pradesh की Yogi Adityanath को भी संज्ञान में लेना होगा। साथ ही खनन माफियाओं पर कठोर कार्रवाई को भी सुनिश्चित करना होगा ताकि वो भविष्य में प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने की हिमाकत न करें।


[caption id="attachment_19493" align="alignnone" width="695"] बांदा में केन नदी की सुरक्षा व्यवस्था संभाले यूपी पुलिस का सिपाही दूरबीन से खनन माफियाओं के गुर्गों पर निगाह रखते हुए।[/caption]

YOGESH TRIPATHI


सोशल मीडिया पर Viral हो रहीं तस्वीर


सोशल मीडिया Twitter पर डिजिटल और ब्राडकास्ट जर्नलिस्ट अभय सिंह राठौर ने अपने ट्वीटर हैंडल से 4 फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि “हाथों में तस्वीर लिए UP Police के ये जवान किसी बदमाश की तलाश नहीं कर रहे हैं बल्कि नाले में तब्दील हो चुकी केन नदी के पानी की रखवाली कर रहे हैं। दरअसल केन नदी की जलधारा को खनन माफियाओं ने रोक लिया था, जिसकी वजह से सैकड़ों गांवों में पानी का अकाल पड़ गया। ”

साभार----अभय सिंह राठौर Tweet


https://twitter.com/Abhay_journo/status/1129440347078004736

 

ग्रामीणों की शिकायत पर जिला प्रशासन Alert


Uttar Pradesh का बुन्देलखंड लंबे समय से सूखे की चपेट में है। यहां से हजारों की संख्या में किसान और बेरोजगार दूसरे प्रांतों में हर साल पलायन को मजबूर हो रहे हैं। पानी यहां की सबसे बड़ी समस्या है। खनन माफियाओं के दबंगई की वजह से पिछले कुछ महीने के दौरान केन नदी की जलधारा रुक गई। जिसकी वजह से सैकड़ों गांव के ग्रामीण पानी की किल्लत से जूझने लगे। खेती की फसल तक बर्बाद हो गई। शिकायत पर जिला प्रशासन ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया। उसके बाद यहां अवैध तरीके से होने वाले खनन को रोकने और पानी की जलधारा को माफिया न रोकें इसके लिए Alert जारी किया गया। जिसके बाद UP Police के सिपाही और दरोगा दूरबीन से लैस होकर केन नदी की प्रमुख जगहों पर निगरानी कर रहे हैं ताकि पानी के संकट से जूझ रहे सैकड़ों गांव के ग्रामीणों और मवेशियों की जिंदगी को बचाया जा सके।

कौन है अवैध खनन माफिया ?


यूं तो सूखा और भौगोलिक स्थितियों की वजह से बुन्देलखंड की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। लेकिन यहां पर जो खनन माफिया हैं उनकी हमेशा पौं-बारह रहती है फिर सरकार चाहे जिसकी हो। बसपा, सपा और अब भाजपा इन सभी राजनीतिक दलों के सरकार में खनन माफिया और उनसे जुड़े लोग खूब फले-फूले। कई तो “माननीय” बन चुके हैं। कुछ के भाग्य इस बार लोकसभा के चुनाव में EVM में बंद हैं। जानकारों की मानें तो हर राजनीतिक दल के नेता यहां पर खनन के “खेल” में एक्सपर्ट हैं। कमाई का एक बड़ा हिस्सा लखनऊ के पंचम तल में बैठे अफसरों को भी हर महीने की निश्चित तारीख को पहुंचता है।

 

 
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