Mahoba में फाकाकशी और गरीबी भी बनी छुट्टन के मौत की वजह। Mahoba ADM Providec Rice & etc


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Hari Krishna Poddar

महोबा। बुन्देलखण्ड स्थित आल्हा-ऊदल की नगरी Mahoba के खन्ना एरिया में भूख से तड़प-तड़प कर एक युवक की मौत हो गई। मामला जब सोशल मीडिया की सुर्खियों में आया तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। अपर जिलाधिकारी समेत कई अफसर मौके पर पहुंचे। अफसरों ने पीड़ित परिवार के लिए तत्काल राशन का इंतजाम करवाया।

अफसरों को छुट्टन के घर में नहीं मिला अनाज का एक दाना


Mahoba जनपद के ADM आनंद कुमार के मुताबिक मामला घनडुआ का है। यहां रहने वाले छुट्टन (38) की मौत हो गई। मौत की वजह गरीबी, बेरोजगारी के साथ भूख भी बताई जा रही है। ग्रामीणों के मुताबिक छुट्टन के घर में कई दिनों से अनाज का एक दाना भी नहीं था। माना जा रहा है कि भूख से व्याकुल छुट्टन की मौत हो गई।


ग्रामीणों ने चंदे से किया कफन का इंतजाम


गांव के ग्रामीणों ने आपस मे चंदा कर छुट्टन के लिए कफ़न समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं का तत्काल प्रबंध किया। छुट्टन की बीवी सरोज के मुताबिक उसका परिवार लंबे समय से मुफलिसी और फाकाकशी का शिकार था। कई दिनों से घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था। जिसकी वजह से चार दिनों से घर का चूल्हा भी नहीं जला था।

पानी पीकर रह रहे थे छुट्टन और उसकी बीवी


छुट्टन की पत्नी सरोज के मुताबिक तीन छोटे बच्चों का पेट तो वह किसी तरह से मांगकर भर देती थी लेकिन खुद वह और उसका स्वर्गवासी पति पिछले चार दिनों से पानी पीकर ही जिंदा थे। बकौल सरोज बीमार होने की वजह से छुट्टन घर पर ही रहता था।

राशन विक्रेता और ग्राम प्रधान ने दुत्कार कर भगाया


बकौल सरोज भूख से व्याकुल उसका पति बीमार भी पड़ गया। दो दिन पहले पहले वह ग्राम प्रधान और सरकारी राशन विक्रेता के पास अनाज मांगने के लिए पहुंची लेकिन दोनों ने अनाज देना तो दूर काफी बेइज्जत कर भगा दिया।

क्या बोले जिम्मेदार ?


ADM आनंद कुमार ने बताया कि भूख से छुट्टन के मौत की चर्चा होने पर Mahoba के DM अजय कुमार सिंह ने एडीएम न्यायिक महेंद्र सिंह को मौके पर भेजा। प्रशासन की तरफ से पीड़ित परिवार को 50 किलोग्राम अनाज और 5 हजार रुपए की तत्काल आर्थिक मदद मुहैया कराई गई।

प्रशासन की निगाह में बीमारी से हुई मौत


मामले की जांच में एडीएम ने मौत की वजह बीमारी का होना बताया है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी रेखा में होने की वजह से मृतक की पत्नी का अंत्योदय राशन कार्ड बना हुआ है। जिस पर उसे प्रति माह 35 किलो ग्राम खाद्य सामग्री भी प्रदान की जा रही थी।

कुल मिलाकर प्रशासन ने गरीब छुट्टन की मौत पर बीमारी से मौत होने की मुहर लगा दी है। लेकिन छुट्टन की पत्नी की तरफ से लगाए गए आरोप पर कोई कार्रवाई नहीं की। छुट्टन की पत्नी सरोज का आरोप है कि राशन विक्रेता और गांव के प्रधान ने राशन मांगने पर उसे बेइज्जत कर भगा दिया।
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