SC Bars Triple Talaq & Asks Parliament To Make A Law। 5 Judeges Of 5 Faiths Give Verdict On Triple Talaq
YOGESH TRIPATHI
नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत Supreme Court ने Triple Talaq पर अहम फैसला सुनाते हुए 6 माह के लिए रोक लगा दी है। Supreme Court के पांच में से तीन जजों ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को Triple Talaq मामले पर नया कानून बनाने का आदेश भी दिया है। गौरतलब है कि इस अहम मामले की सुनवाई के लिए 5 अलग-अलग धर्मों के न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया गया था। इस पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) खेहर की तरफ से की गई।
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संसद को देखना चाहिए Triple Talaq का मामला
Triple Talaq मामले में पांच जजों की कमेटी के प्रेसीडेंट बनाए गए जस्टिस खेहर ने कहा कि संसद को ट्रिपल तलाक का अहम मामला देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक कोई कानून नहीं लाएगा, ट्रिपल तलाक बरकार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि संसद इस अहम और ज्वलंत मुद्दे पर अपना कानून बनाए। पांच में से तीन जजों ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि आज, अभी और इसी वक्त से ट्रिपल तलाक पर छह महीने के लिए बैन है।
Supreme Court ने फैसले को रखा था सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से Triple Talaq के मामले पर 11 से 18 मई तक सुनवाई चली थी। इसके बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया। इस अहम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य याचिकाकर्ता साइरा बानो की पेशी भी हुई थी। साइरा के अधिवक्ता अमित चड्ढा ने पांच जजों की बेंच के सामने अपनी तमाम दलीलें रखीं थी। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों ने साइरा बानों की बातों को भी गंभीरता से सुना।
ये थी साइरा बानों की दलीलें
साइरा बानों ने Supreme Court में पांच न्यायधीशों की बेंच के सामने कहा था कि Triple Talaq एक ऐसी कुरीति है जो महिलाओं के मौलिक अधिकारों का पूरी तरह से हनन करती है। साथ ही साइरा बानों ने यह भी कहा था कि यह ऐसी प्रथा है कि जो एक जुर्म है। साइरा का कहना है कि यह लड़ाई उनके और इस नियम को बनाने वालों के बीच की है। साइरा की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान Supreme Court में कुरान को पढ़ा गया
Triple Talaq के अहम मुद्दे पर सुनवाई के दौरान Supreme Court में कुरान को भी पढ़ा गया था। कुरान पढ़ने के पीछे की वजह यह रही कि इसके नियमों की जानकारी पर प्रकाश डाला जा सके। इस मामले पर AIMPLB की ओर से वकील कपिल सिब्बल हैं। कपिल सिब्बल ने बीते दिनों कई अहम दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे। केंद्र सरकार की तरफ से वकील अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की तरफ से भी सरकार का पक्ष रखा गया था। मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा है कि यदि ट्रिपल तलाक को खत्म कर दिया जाएगा तो इससे इस्लाम पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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