लखनऊ। यूपी के गोरखपुर स्थित BRD Medical College अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 63 से अधिक मासूम बच्चों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए प्रदेश सरकार को Notice जारी किया है। साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि यह राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी निर्दयता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गोरखपुर के BRD Medical College में हुई 63 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में यूपी की योगी सरकार को Notice जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आयोग ने यह भी कहा है कि यह राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी “निर्दयता” है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पीड़ित परिवारों को राहत देने के लिए उठाए गए कदमों और दोषी अफसरों के खिलाफ की गई कार्रवाई के की रिपोर्ट भी मांगी है। आयोग ने प्रमुख सचिव से चार हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि BRD Medical College में 7 अगस्त से अब तक 63 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है। इनमें से अधिकतर बच्चों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने की वजह से हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म का बिल भुगतान नहीं किया गया था। जिसकी वजह से उसने ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा, किसी सरकारी अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के मामले सामने आना बेगुनाह पीड़ितों के जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। अस्पताल प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की पूरी तरह निर्दयता की ओर इशारा करता है।
उल्लेखनीय है कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की न्यायिक जांच का आदेश देते हुए एक कमेटी भी बनाई है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर के BRD Medical College हादसे पर न सिर्फ बेहद दुःखी हैं बल्कि चिंतित भी हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गोरखपुर के BRD Medical College में हुई 63 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में यूपी की योगी सरकार को Notice जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आयोग ने यह भी कहा है कि यह राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी “निर्दयता” है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पीड़ित परिवारों को राहत देने के लिए उठाए गए कदमों और दोषी अफसरों के खिलाफ की गई कार्रवाई के की रिपोर्ट भी मांगी है। आयोग ने प्रमुख सचिव से चार हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि BRD Medical College में 7 अगस्त से अब तक 63 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है। इनमें से अधिकतर बच्चों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने की वजह से हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म का बिल भुगतान नहीं किया गया था। जिसकी वजह से उसने ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा, किसी सरकारी अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के मामले सामने आना बेगुनाह पीड़ितों के जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। अस्पताल प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की पूरी तरह निर्दयता की ओर इशारा करता है।
उल्लेखनीय है कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की न्यायिक जांच का आदेश देते हुए एक कमेटी भी बनाई है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर के BRD Medical College हादसे पर न सिर्फ बेहद दुःखी हैं बल्कि चिंतित भी हैं।
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