जुलाई 2020

-MP के खंडवा निवासी युवक को बहाने से बुलाकर किया था अगवा

-अगवा युवक की पत्नी को धमकी देकर खाते में ट्रांसफर करवाए एक लाख रुपए

-बंधक बनाकर BJP नेता ने अपह्त युवक की बेरहमी से पिटाई की

-पति की जान आफत में देख बीवी ने MP की Police से लगाई थी गुहार 

-MP पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर Kanpur Dehat की पुलिस से किया संपर्क

-अकबरपुर कोतवाली में FIR रजिस्टर्ड कर पुलिस ने लिया सर्विलांस का सहारा

 -दो दोस्तों के साथ पुलिस के "चक्रव्यूह" में फंसा BJP नेता सत्यम सिंह चौहान

-BJP (Kanpur Dehat) का जिला मंत्री भी है सत्यम सिंह चौहान

Yogesh Tripathi


मध्य प्रदेश के एक पुजारी को बहाने से बुलाकर उसे असलहों के बल पर अगवा करने वाले तीन अपहरणकर्ताओं को Kanpur Dehat जनपद की Police ने Arrest कर लिया। तीनों की निशानदेही पर पुलिस ने अगवा पुजारी को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस के "चक्रव्यूह" में फंसा अपहरणकर्ताओं का "सरदार" BJP (IT) सेल का जिला प्रभारी सत्यम सिंह चौहान निकला। बताया जा रहा है कि सत्यम सिंह चौहान बीजेपी का जिला मंत्री भी है। एसपी कानपुर देहात अनुराग वत्स ने अपहरणकर्ताओं को मीडिया के सामने पेश कर घटनाक्रम के बाबत जानकारी दी। इस बड़े खुलासे के बाद www.redeyestimes.com (News Portal) ने बीजेपी के कई बड़े नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन किसी ने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
शाम को मीडिया प्रभारी विकास मिश्रा ने Portal को बताया कि सत्यम सिंह चौहान जिला मंत्री था। 18 जून को उसे पद से हटा दिया गया था। सत्यम आइटी सेल का प्रभारी भी रह चुका है। 


एसपी के मुताबिक खंडवा (मध्य प्रदेश) निवासी सुशील तिवारी पूजा-पाठ और चमत्कारी चीजों को चेक करने का काम करते हैं। इसके बाद वह 7 से 10 हजार रुपए के बीच अपनी फीस भी लेते हैं। सत्यम सिंह चौहान, उसके मित्र रोहित व अन्य ने चमत्कारी बॉक्स को चेक कराने का झांसा देकर कानपुर देहात बुलाया। अपने ड्राइवर के साथ सुशील तिवारी कार से कानपुर देहात स्थित हाइवे पर पहुंचे तो सत्यम सिंह चौहान, रोहित समेत कई लोगों ने सुशील को अगवा कर लिया।
बंधक बनाकर सभी ने सुशील तिवारी की बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद सुशील की पत्नी को मोबाइल कर धमकी दी गई। एक करोड़ की फिरौती न मिलने पर अपहरणकर्ताओं ने हत्या की धमकी दी। इसके बाद सुशील की पत्नी ने फिरौती की रकम को अपहरणकर्ताओं के खाते में ट्रांसफर कर दिया। इतना ही नहीं सुशील तिवारी के एटीएम कार्ड को छीनकर अपहरणकर्ताओं ने उसके खाते से लाखों की रकम निकाल ली।

MP की पुलिस ने किया Kanpur Dehat की Police से संपर्क

पति की जान जोखिम में देख पत्नी ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की पुलिस से संपर्क कर घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस के बड़े अफसरों ने कानपुर देहात के अफसरों से तत्काल संपर्क बड़े वारदात की खबर दी। एसपी अनुराग वत्स के निर्देश पर अकबरपुर कोतवाली की पुलिस ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर कई मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया। लोकेशन ट्रेस होते ही पुलिस फोर्स ने तुरंत छापे की कार्रवाई की। पुलिस टीम ने अगवा सुशील तिवारी को सकुशल बरामद करने के साथ सत्यम सिंह चौहान, रोहित समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अपहरणकर्ताओं की निशानदेही पर पुलिस ने सुशील तिवारी की कार समेत अपहरणकर्ताओं की कार भी बरामद कर ली।

थाने में अगवा सुशील तिवारी ने पुलिस और मीडिया कर्मियों के सामने अपने कपड़े उतारकर पीठ पर मार के जख्म दिखाए। बताया जा रहा है कि फिरौती की रकम वसूलने के लिए अपहरणकर्ताओं ने सुशील तिवारी को बेरहमी से पीटा। जिसकी वजह से उसके शरीर पर जख्म के कई निशान मिले हैं। 


-Jai Kant Bajpai की Arresting से पहले चला "नाटकीय खेल"

-शनिवार रात्रि को ही छोड़ दिया गया था Jai Kant Bajpai (Jai Bajpai)

-संडे की शाम को Police लेकर पहुंची जय को घर छोड़ने

-सोशल मीडिया पर किरकिरी के बाद Police ने फिर उठाया

-देर रात्रि जय बाजपेयी के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड

-Jai Bajpai के आधा दर्जन करीबी भी STF के रडार पर आए

-पुलिस को जय के घर में तलाशी के दौरान मिले 20 कारतूस

-Vikas Dubey को वारदात से एक दिन पहले पहुंचाए थे जय ने कारतूस

 
Jai Kant Bajpai (Jai Bajpai) (फोटो साभार-Facebook)

Yogesh Tripathi

Encounter में मारे जा चुके Vikas Dubey का "मुनीम" Jay Kant Bajpai अंततः Arrest कर लिया गया। पुलिस को Jai Bajpai के घर तलाशी के दौरान भारी संख्या में कारतूस मिले हैं। Police का दावा है कि जय ने वारदात से एक दिन पहले Vikas को कारतूसों की खेप पहुंचाई थी। Mid-Night पुलिस ने जय बाजपेयी के खिलाफ हत्या का षडयंत्र रचने के आरोप में IPC की धारा 120-B के तहत मुकदमा पंजीकृत कर गिरफ्तार किया। पुलिस ने जय के साथी आर्य नगर निवासी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्लू को भी सहयोग करने के जुर्म में पकड़ा है। 

उल्लेखनीय है कि www.redeyestimes.com (News Portal) ने जय को 15 दिन बाद छोड़ने की खबर संडे की दोपहर को ही ब्रेक की थी। इसके कुछ घंटे बाद पुलिस की एक टीम Jai Bajpai को छोड़ने के लिए उसके घर पहुंची। सोशल मीडिया पर कुछ Video भी Viral हुए। किरकिरी होते देख पुलिस की टीम संडे की रात्रि फिर पहुंची और जय को नजीराबाद थाने ले आई। देर रात्रि उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। 

हालांकि पुलिस अफसरों का कहना है कि जय को छोड़ा नहीं गया था बल्कि कारतूसों को बरामद करने और तमाम सबूत जुटाने के लिए ये एक रणनीति का हिस्सा था। अफसरों का कहना है कि जय के करीब आधा दर्जन करीबी लोगों को रडार पर लिया जा चुका है। देर-सबेर इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 

 

गले का फांस बन सकती है 30 स्प्रिंग राइफल

चर्चा है कि Vikas Dubey के पास 30 स्प्रिंग राइफल जैसे घातक हथियार भी थे। पुलिस ने विकास के जमींदोज हो चुके घर से अपनी लूटी गई AK-47 राइफल को बरामद कर लिया। इंसास राइफल भी शशिकांत के घर से 12 दिन बाद बरामद हो गई। लेकिन अभी तक विकास की 30 स्प्रिंग राइफल समेत तमाम हथियारों का सुराग नहीं लगा सकी है। चर्चाओं और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विकास दुबे की 30 स्प्रिंग राइफल आगे चलकर तमाम लोगों के लिए गले का फांस बन सकती है। 

30 स्प्रिंग राइफल के लाइसेंस को लेकर भी तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। यदि ये सच साबित हुईं तो आगे चलकर प्रशासनिक अफसरों के गले की फांस ये राइफल बन जाएगी। सूत्रों की मानें तो 30 स्प्रिंग राइफल को लेकर रंगबाजी और रौब गांठने वाले Vikas Dubey के तमाम गुर्गे और करीबी भी जांच के रडार पर आएंगे। 

बिकरू गांव में 2/3 जुलाई की रात्रि को सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी। सुबह जब पुलिस के आला अफसर मौका-ए-वारदात पर पहुंचे थे। तब ये चर्चा हुई थी कि हमलावरों ने AK-47 और 30 स्प्रिंग राइफल राइफल जैसे घातक हथियारों से गोलियां बरसाईं। ये दोनों ही असलहे घातक किस्म के होते हैं। पुलिस की लूटी गई एके-47 और इंसास राइफल कुछ दिन पहले रिकवर हो चुकी है। 

सबसे बड़ा "यक्ष प्रश्न" ये है कि आखिर 30 स्प्रिंग राइफल कहां गुम हो गई ? घातक किस्म की इस राइफल का लाइसेंस किसके नाम पर है ? क्या विकास दुबे ने इस राइफल का लाइसेंस लिया था ? या फिर किसी और के नाम पर इस राइफल को विकास ने खरीदा था ? यदि विकास के नाम पर राइफल थी तो आखिर इस असलहे का लाइसेंस कैसे बना ? क्यों कि Vikas Dubey के खिलाफ तमाम अपराधिक मुकदमें दर्ज थे।


-98 में बुलेट चढ़ाकर Vikas Dubey ने किया था थानेदार को रौंदने का प्रयास 

-बुलेट चढ़ाने के बाद कल्याणपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर पर राइफल से दागी गोली 

-Encounter से बचाने को राजाराम पाल और एक स्वर्गीय विधायक ने किया था बवाल

-घटना के बाद तत्कालीन सरकार के दो मंत्रियों का थाने पर घनघनाया था फोन

-तब बिकरू गांव का ग्राम प्रधान था Encounter में मारा गया Vikas Dubey 

-2004 दबिश के दौरान गैंगस्टर Vikas Dubey ने की थी गोलियों की बौंछार

-फायरिंग में पनकी थाने के एक सिपाही की राइफल दो हिस्सों में गई थी टूट

-विकास और उसके गुर्गों से जान बचाकर भागी थी तीनों थानों की फोर्स

-2 जुलाई 2020 को विकास और उसके गुर्गों के हमले में CO समेत 8 शहीद



 Yogesh Tripathi

 Kanpur के बिकरू गांव में CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या में वांछित UP का सबसे बड़ा अपराधी Vikas Dubey का शुक्रवार सुबह STF ने Encounter कर दिया। आतंक का अंत हो चुका है लेकिन किस्से और कहानियां अभी बाकी हैं। Vikas Dubey एक दिन में आतंक का "आका" नहीं बन गया। सभी राजनीतिक दलों के दिग्गजों ने उसे समय-समय पर राजनीतिक "छतरी" दी। यही वजह रही कि विकास आतंक का दूसरा नाम बन गया। उसने पुलिस टीम पर एक बार नहीं बल्कि तीन बार बड़े हमले किए। अफसोस यह है कि यदि पहले के दो हमलों को आला अफसर संज्ञान में लेते तो शायद CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की शहादत नहीं होती। 

साभार-राष्ट्रीय सहारा अखबार (कानपुर )

किस्सा वर्ष 1998 का है। तब विकास दुबे बिकरू गांव का दबंग प्रधान था। उसकी तूती कानपुर के कल्याणपुर, काकादेव समेत कई जगहों पर बोल रही थी। कल्यामपुर में उसने एक प्लाट पर कब्जा किया। तत्कालीन इंस्पेक्टर हरिमोहन सिंह ने विकास के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड की। रिपोर्ट दर्ज कर इंस्पेक्टर फोर्स के साथ विकास को गिरफ्तार करने के लिए घेराबंदी कर रहे थे। तभी बुलेट मोटरसाइकिल पर विकास दिखा। बुलेट रोकने के बजाय विकास ने गाड़ी सीधे इंस्पेक्टर पर चढ़ा दी। इतना ही नहीं उसने राइफल से इंस्पेक्टर पर सीधा फायर किया लेकिन फायर मिस कर गया। वहां मौजूद सभी पुलिस कर्मी भाग निकले। एक सिपाही देवेंद्र मिश्रा ने सरकारी राइफल से विकास पर फायर किया लेकिन उसका भी फायर मिस कर गया। किसी तरह विकास को दबोच थाने लाया गया।

विकास को चाहने वाले राजनीतक दल के नेताओं ने उसका एनकाउंटर बचाने के लिए पूरी रात थाने का घेराव किया। तत्कालीन सरकार के दो मंत्रियों के फोन भी घनघनाए। यही हाल शिवली कांड में भी रहा। राज्यमंत्री की थाने में हत्या के बाद उसकी पैरवी में बीजेपी सरकार की ताकतवर मंत्री खुलकर सामने आईं थीं। 

2004 में अब्दुल समद कल्याणपुर सर्किल के क्षेत्राधिकारी थे। सुखसागर शुक्ला इंस्पेक्टर कल्याणपुर के चार्ज पर थे। केबल कारोबारी दिनेश दुबे की हत्या हो चुकी थी। सीओ अब्दुल समद कई थानों की फोर्स के साथ बिकरू गांव पहुंचे। यहां पर पुलिस ने विकास के घर के बाहर खड़े होकर आवज दी, विकास तुमको चारो तरफ से घेर लिया  गया है, तुम बचकर भाग नहीं पाओगे, खुद को सरेंडर कर दो। इस बीच विकास के घर से एक फायर होता है। गोली सीधे एक सिपाही के राइफल पर लगती है और उसका सरकारी असलहा थ्री-नॉट-थ्री दो भागों में टूटकर गिर जाता है।

जान बचाने के लिए पुलिस टीम को छिपना पड़ता है। लेकिन जब विकास और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरु की तो पुलिस टीम को उल्टे पांव भागना पड़ा। इस कांड में भी पुलिस की काफी फजीहत हुई थी। इन दो बड़े कांडों के बाद भी पुलिस अफसरों ने कभी विकास पर नकेल कसने की कोशिश नहीं की। किसी अफसर ने की भी तो राजनीतिक दल के नेता आड़े आ गए। 

यही वजह रही कि 2 जुलाई 2020 को मनबढ़ हो चुके विकास दुबे ने पुलिस टीम पर हमले की योजना का ब्लूप्रिंट काफी पहले ही बना लिया। शूटर्स को उसने घर बुलाया फिर सबको रात में भोजन का प्रबंध करवाया और रात में हमला बोल दिया। CO समेत 8 लोग हमले में शहीद हुए।

STF के सामने विकास की जुबानी 

उज्जैन में नाटकीय गिरफ्तारी के बाद STF की पूछताछ में विकास दुबे ने बताया कि सीओ की हत्या के बाद पैर इस लिए कुल्हाड़ी से काटा गया, क्यों कि पिछले कुछ समय से शहीद सीओ उसके पैर को लेकर खिंचाई करते थे। वह लोगों से कहते थे कि विकास का एक पैर खराब है जल्द ही दूसरा भी खराब कर दूंगा। 



-UPSTF के हाथों Encounter में ढे़र हो गया आतंक का पर्याय

-बिकरू में CO समेत 8 पुलिस वालों की हत्या का आरोपी था Vikas

-Kanpur के सचेंडी थाना एरिया स्थित भौंती में नेशनल हाइवे पर मुठभेड़

-कानपुर की सीमा में प्रवेश करते ही सचेंडी एरिया में पलटी कार

-कार के पलटते ही STF के हथियार छीनकर भागने लगा Vikas Dubey

-UPSTF की टीम ने क्रॉस फायरिंग की, सीने -पेट में लगी कई गोलियां

-मौके पर ही मारा गया UP का सबसे बड़ा अपराधी

Yogesh Tripathi 

UPSTF ने आखिर आतंक का अंत कर दिया। UP का सबसे बड़ा और क्रूर अपराधी गैंगस्टर Vikas Dubey फ्राइ-डे की अलसुबह Encounter में मारा गया। मुठभेड़ Kanpur के सचेंडी थाना एरिया स्थित नेशनल हाइवे पर हुई। STF के मुताबिक सचेंडी के भौंती एरिया में कार मौसम  खराब होने की वजह से पलट गई। इस कार के अंदर एसटीएफ टीम के साथ गैंगस्टर विकास दुबे भी मौजूद था। Accident के बाद विकास दुबे बच गया। कार के अंदर मौजूद STF के जवानों का असलहा लूटकर वह भागने लगा था। STF के ललकारने पर उसने फायरिंग की। जवाब में क्रॉस फायरिंग हुई। जिसमें विकास दुबे मारा गया। 

सूत्रों के मुताबिक Vikas Dubey के सिर और पेट में कई गोलियां लगीं, जिससे उसकी मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि गुरुवार सुबह विकास दुबे की मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में "नाटकीय" गिरफ्तारी हुई थी। चर्चा है कि विकास ने खुद ही महाकाल मंदिर में जाकर सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उज्जैन पहुंची STF टीम विकास दुबे को बगैर ट्रांजिट रिमांड लिए ही कानपुर लेकर रवाना हो गई। 

 

शुक्रवार सुबह STF टीम विकास को लेकर Kanpur पहुंची। यहां पर बारिश की वजह से मौसम काफी खराब था। हादसे के बाद विकास ने न सिर्फ असलहे लूटे बल्कि एसटीएफ की टीम पर फायरिंग भी की। 

UPDATE NEWS-----

SSP (Kanpur) Dinesh Kumar (P) का कहना है कि STF की गाड़ियों का कई गाड़ियां पीछा कर रही थीं। टीम को जल्दी पहुंचना भी था। भारी बारिश की वजह से मौसम भी खराब हो गया था। कार की स्पीड तेज करने पर अनियंत्रित हो गई। जिसके बाद कार में बैठा विकास दुबे घायल कांस्टेबल की पिस्टल छीनकर भागने लगा था। फोर्स ने घेराबंदी की तो उसने फायरिंग शुरु कर दी। सेल्फ डिफेंस में फोर्स ने भी फायरिंग की। जिसमें विकास दुबे मारा गया। 

 

 

-Lucknow के कृष्णा नगर कोतवाली से पकड़ी गई रिचा दुबे

-खाली पड़े प्लाट के पास घेराबंदी कर नौकर को भी पकड़ा गया

-हत्याकांड के बाद से बेटे और नौकर के साथ फरार थी ऋचा दुबे 

-कृष्ण नगर कोतवाली में STF की टीमें कर रही हैं पूछताछ

-गैंगस्टर Vikas Dubey की उज्जैन में सुबह हो चुकी है नाटकीय गिरफ्तारी

Yogesh Tripathi 

CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद फरार हुए 5 लाख रुपए के इनामी गैंगस्टर Vikas Dubey की MP के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में हुई नाटकीय गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद उसकी बीवी ऋचा दुबे को नाबालिग बेटे और नौकर के साथ पकड़ लिया गया। UPSTF ने तीनों को कृष्णा नगर कोतवाली से पकड़ा गया है। 

 

तीनों को थाने पर लाकर पूछताछ की जा रही है। उल्लेखनीय है कि विकास दुबे के फरार होने के बाद से उसकी बीवी, नाबालिग बेटा और नौकर भी मौका-ए-वारदात से भाग निकले थे। माना जा रहा है कि तीनों को भागने में विकास दुबे के किसी खास गुर्गे ने मदद की थी। इसे भी ट्रेस कर लिया गया है। CDR के मुताबिक कनेक्शन कानपुर से भी निकल सकते हैं।

-इटावा पुलिस ने कार लूटकर भाग रहे बउवा दुबे को मार गिराया

-फरीदाबाद से ट्रांजिट रिमांड पर लाए गए प्रभात मिश्रा का पनकी में Encounter

-पनकी में STF की पिस्टल छीनकर भाग रहा था प्रभात मिश्रा

-फरीदाबाद की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को किया था Arrest

-CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या में वांछित था प्रभात मिश्रा

-पुलिस ने प्रभात के सिर पर रखा था 50 हजार रुपए का इनाम

 
Kanpur के पनकी में STF के हाथों मारा गया 50 हजार का इनामी प्रभात मिश्रा।

Yogesh Tripathi


गुरुवार सुबह 5 लाख रुपए के इनामी Most Wanted गैंगस्टर Vikas Dubey के दो और गुर्गों को STF व इटावा पुलिस ने Encounter में ढेर कर दिया। Kanpur के पनकी में हुई मुठभेड़ के दौरान 50 हजार का इनामी प्रभात मिश्रा ढेर हुआ। प्रभात 2 जुलाई की रात सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या में मौजूद था। फरीदाबाद की क्राइम ब्रांच ने उसे दो साथियों के साथ मंगलवार रात को Arrest किया था। ट्रांजिट रिमांड पर STF उसे लेकर कानपुर पहुंची। पनकी में STF की गाड़ी पंक्चर हो गई। मौके का फायदा उठाते हुए प्रभात ने एसटीएफ के एक जवान की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। क्रॉस फायरिंग में प्रभात मिश्रा अलसुबह ढेर हो गया ।



हालांकि 50 घंटे की पूछताछ के दौरान प्रभात ने STF की टीम को कई चौंकाने वाली जानकारियां दी थीं। प्रभात ने STF को बताया कि हत्याकांड कैसे फरार हुआ था विकास दुबे। उल्लेखनीय है कि प्रभात कुमार को मंगलवार की रात्रि में फरीदाबाद की क्राइम ब्रांच टीम ने एक होटल से दो साथियों के साथ गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से विकास दुबे की पिस्टल के साथ-साथ बिकरू में पुलिस कर्मियों से लूटी गई पिस्टल भी पुलिस ने बरामद की थी। सूत्रों की मानें तो प्रभात मिश्रा पर कोई अपराधिक मुकदमा पंजीकृत नहीं है। फिर भी पुलिस अन्य थानों से उसके अपराधिक इतिहास का ब्यौरा खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि प्रभात 2 जुलाई को घटना वाली रात बिकरू में मौजूद था। उसने भी पुलिस टीम पर हमले में विकास और उसके गुर्गों का साथ दिया था। पुलिस ने उसे हत्याकांड में आरोपी बनाया है।


उधर, इटावा जनपद के SSP आकाश तोमर ने बताया कि जनपद की पुलिस के साथ गुरुवार सुबह बदमाश से मुठभेड़ हो गई। पुलिस की गश्ती टीम ने जब बदमाश को रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस टीम को निशाना बनाते हुए फायरिंग शुरु कर दी। घेराबंदी कर पुलिस टीम ने क्रॉस फायरिंग की। जिसमें एक बदमाश की मौके पर मौत हो गई। बदमाश की शिनाख्त कानपुर के चौबेपुर निवासी बउवा उर्फ प्रवीण के रूप में हुई है। उसके पास से एक पिस्टल और बंदूक पुलिस ने बरामद की है। बउवा के सिर पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। बताया जा रहा है कि बउवा भी हत्याकांड वाली रात विकास के साथ था। उसने भी पुलिस टीम पर गोली चलाई थी। एसएसपी का कहना है कि बउवा एक गाड़ी को लूटकर भाग रहा था। तभी सूचना पर पुलिस टीम ने घेराबंदी की।





-MP के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से पकड़ा गया Vikas Dubey

-CO समेत 8 पुलिस वालों पर हत्या करने का है गैंगस्टर पर आरोप

-Vikas Dubey के कई गुर्गों को ढेर कर चुकी है अब तक STF

-STF की टीम थोड़ी ही देर में विकास दुबे को लेकर UP रवाना होगी

-Vikas की गिरफ्तारी के बाद सफेदपोश नेताओं और पुलिस अफसरों में हड़कंप

-कई टीवी चैनलों और न्यूज एजेंसियों ने विकास के गिरफ्तारी की पुष्टि की 

-Vikas Dubey ने मंदिर परिसर में सरेंडर करने के बाद मीडिया को भी बुलाया

-मध्य प्रदेश सरकार ने विकास के गिरफ्तारी की पुष्टि की

-UPCM योगी आदित्यनाथ ने MP के CM से की बातचीत

Note-----Vikas Dubey की गिरफ्तारी का Video देखने के लिए नीचे दिए गए Link पर क्लिक करें

https://youtu.be/GrLVD1fx5gI



Kanpur में CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद फरार हुए 5 लाख रुपए के इनामी Most Wanted गैंगस्टर Vikas Dubey गुरुवार तड़के मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया। मध्य प्रदेश सरकार ने गैंगस्टर के गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
कड़ी सुरक्षा के बीच गैंगस्टर Vikas Dubey को महाकाल थाने लेकर जाती फोर्स।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इंटेलीजेंस को विकास दुबे के मौजूदगी की खबर मिली थी, जिसके बाद महाकाल थाना पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे घटनाक्रम पर UPCM योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत की है।
MP के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में मौजूद Vikas Dubey

खबरों के मुताबिक Vikas Dubey पहले अपने वकील के सहयोग से भोपाल में सरेंडर करने की तैयारी में था लेकिन सफल नहीं हो सका। इसके बाद वह उज्जैन पहुंचा। यहां मंदिर में उसने पर्ची कटवाई। फिर महाकाल के मंदिर में तैनात गार्डों के सामने चीख-चीख कर बोला, मैं हूं कानपुर वाला विकास दुबे....। इसके बाद वहां मौजूद गार्ड और तमाम लोग हरकत में आए। सूचना पर महाकाल थाना पुलिस पहुंची। फोर्स ने विकास दुबे को हिरासत में ले लिया।


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विकास दुबे ने रात में ही सरेंडर कर दिया था। देर रात्रि जब खबर लोकल प्रशासन को मिली तो उज्जैन के महाकाल मंदिर में DM, SP पहुंचे। एक कमरे में विकास दुबे बैठा मिला। सुबह उसके गिरफ्तारी खबर पहले सोशल मीडिया फिर टीवी चैनलों में प्रसारित होने लगी। विकास दुबे की तरफ से नाटकीय और फिल्मी स्टाइल में किए गए सरेंडर के पीछे बड़े संरक्षणदाताओं का हाथ भी बताया जा रहा है। सपा, कांग्रेस,समेत तमाम विपक्षी दल एक बार फिर बीजेपी की यूपी और मध्य प्रदेश की सरकारों को घेरने में जुट गए हैं।



-सस्पेंड थानेदार Vinay Tiwari और सब इंस्पेक्टर K.K Sharma गिरफ्तार

 -शहीद CO देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या में मुखबिरी का शक

-चौबेपुर थाने के 68 पुलिस कर्मियों को SSP कर चुके हैं तबादला

-चौबेपुर के एक दर्जन पुलिस वालों की पुलिस लाइन में हो चुकी है हाजिरी

-गिरफ्तार पुलिस वालों पर मौके से भागने और लापरवाही बरतने का इल्जाम

-IG (Kanpur Range) & SSP_KNR ने गिरफ्तारी की पुष्टि की

-गिरफ्तारी से पहले दोनों "विभीषणों" से मौके पर क्राइम सीन करवाया गया

 
UP Police के लिए "विभीषण" की भूमिका निभाने वाले चौबेपुर के सस्पेंड थानेदार विनय तिवारी। (फोटो साभार-ANI)

Yogesh Tripathi


Kanpur के बिकरू में CO समेत 8 पुलिस कर्मियों के Murder Case में "विभीषण" की भूमिका अदा कर UP Police के दामन पर गद्दारी का धब्बा लगाने वाले दो पुलिस कर्मियों को Arrest कर लिया गया। दोनों पर ड्यूटी में लापरवाही बरतते हुए मौका-ए-वारदात से भागने और Most Wanted विकास दुबे के बारे में अफसरों को जानकारी न देने का आरोप है। गिरफ्तार किए गए लोगों में चौबेपुर का सस्पेंड थानेदार विनय तिवारी और सब इंस्पेक्टर केके शर्मा शामिल हैं। दोनों पहले दिन से ही UPSTF के रडार पर थे। हिरासत में लेकर दोनों से पूछताछ हो रही थी। दोनों को बचाने की कोशिश में तमाम पैरवी भी की जा रही थी लेकिन पिछले 24 घंटे में एक बड़े अफसर के बाद सारे "समीकरण" बदल गए।
गिरफ्तार सब इंस्पेक्टर केके शर्मा (फोटो साभार-ANI)


उल्लेखनीय है कि पुलिस टीम के दबिश की सूचना विकास दुबे को सस्पेंड थानेदार और उसके कारखास सिपाहियों ने ही विकास दुबे को दी थी। जिसके बाद वह Alert हो गया था। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि सूचना मिलने के बाद विकास ने बाहर से शूटर्स बुलवा लिए। देर रात पहुंची पुलिस टीम पर स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग कर सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस वालों की हत्या कर दी गई। 

दबिश के दौरान भी थानेदार विनय तिवारी पुलिस टीम के सबसे पीछे चल रहा था। जिस समय हमलावर फायरिंग कर पुलिस टीम की हत्या कर रहे थे तो विनय तिवारी विकास दुबे के घर के बाहर खड़ी जेसीबी की आड़ में छिप गया था। इससे पहले STF की टीम ने विनय तिवारी को मौके पर ले जाकर क्राइम सीन करवाया।

हिरासत में Encounter में मारे गए अमर दुबे की पत्नी शशि

बुधवार तड़के Hamirpur जनपद के मौदहा में UPSTF के हाथों एनकाउंटर में ढेर हुए इनामी बदमाश अमर दुबे की नवविवाहिता पत्नी शशि को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। शशि की नौ दिन पहले अमर दुबे से शादी हुई थी। शशि से फिलहाल पुलिस की टीमें पूछताछ कर रही हैं। 


 

-गैंगस्टर Vikas Dubey का एक गुर्गा श्यामू बाजपेयी एनकाउंटर में घायल

-देर रात्रि बिल्हौर सर्किल की फोर्स के घेराबंदी करने पर की थी फायरिंग 

-बिकरू गांव में हथियारों की बरामदगी के लिए STF सर्च ऑपरेशन जारी

-कुएं से लेकर तालाब और नहर तक को खंगाल रही है UPSTF

-देर रात्रि हरियाणा के फरीदाबाद स्थित होटल से भागा है विकास दुबे 

-अगले 48 घंटे विकास और उसके गुर्गों पर पड़ सके हैं काफी भारी 

Yogesh Tripathi 


UP के Most Wanted बदमाश Vikas Dubey के सिर पर अब इनाम की राशि 5 लाख रुपए कर दी गई है। इनाम की राशि बड़ते ही गैंगस्टर विकास दुबे अब सूबे के सबसे बड़ा अपराधी बन चुका है। करीब चार दिन बाद उसकी लोकेशन को STF ने मंगलवार रात्रि ट्रेस किया। वहीं, देर रात्रि Hamirpur के मौदहा में विकास दुबे के बॉडीगार्ड Amar Dubey को UPSTF ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया तो दूसरी तरफ कानपुर के बिल्हौर सर्किल की फोर्स से विकास के गुर्गे की मुठभेड़ हो गई। क्रॉस फायरिंग में श्याम बाजपेयी नाम के गुर्गे के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने उसे उपचार के लिे अस्पताल में भर्ती कराया है। 
बीती रात चौबेपुर पुलिस के हाथों एनकाउंटर में घायल बदमाश श्यामू बाजपेयी।

CO समेत 8 पुलिस वालों की हत्या के बाद से फरार विकास दुबे और उसके गुर्गों की तलाश कर रही STF ने बुधवार सुबह विकास के गांव बिकरू में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया। सूत्रों की मानें तो हत्याकांड में प्रयुक्त स्वचालित हथियारों को गांव के कुएं में फेंके जाने की खबर मिली थी। जिसके बाद गोताखोरों को कुएं में उतारा गया। समाचार लिखे जाने तक कोई असलहा नहीं मिला था। 

www.redeyestimes.com (News Portal) को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगले 48 घंटे गैंगस्टर Vikas Dubey और उसके गुर्गों को काफी भारी पड़ने वाले हैं। खबर है कि कुछ और गुर्गे देर-सबेर STF की गोलियों का शिकार बनेंगे। संभव है कि विकास भी इसमें ढेर हो जाए। उसके सरेंडर की खबर के मद्देनजर STF की दो टीमें पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। फरीदाबाद से दिल्ली की दूरी भी अधिक नहीं है।  

-Hamirpur के मौदहा में UPSTF ने अमर दुबे को मार गिराया

-CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल था Amar Dubey

-Encounter में मारे जा चुके अतुल दुबे का भतीजा था अमर दुबे

-Amar Dubey का पिता संजू दुबे भी विकास दुबे का दाहिना हाथ था 

-सड़क हादसे में हो गई थी अमर के पिता की मौत

-Amar Dubey की मां क्षमा को STF भेज चुकी है जेल

हमीरपुर जनपद के मौदहा में STF के हाथों Encounter में मारा गया विकास दुबे का बॉडीगार्ड अमर दुबे। (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Yogesh Tripathi

UPSTF को बुधवार तड़के बड़ी सफलता मिली। Kanpur के पड़ोसी जनपद Bundelkhand के Hamirpur स्थित मौदहा में 25 हजार रुपए के इनामी अपराधी Amar Dubey को Encounter में ढेर कर दिया। Amar Dybey मोस्ट वांटेड अपराधी Vikas Dubey का बॉडीगार्ड बताया जा रहा है। अमर 2 जुलाई की रात को बिकरू गांव में CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल रहा था। अमर दुबे 2.5 लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे के 5 "प्राणवायु" में एक था। विकास के पांच "प्राणवायु" उसके साथ हमेशा मौजूद रहते थे। इसका खुलासा दो दिन पहले मैने खुद प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक समाचार पत्र "अमृत प्रभात" में प्रकाशित खबर में किया था। 

STF सूत्रों की मानें तो अमर दुबे पर करीब पांच मुकदमें पंजीकृत हैं। हमेशा स्वचालित हथियारों से लैस रहने वाले अमर दुबे की कहानी भी अलग है। अमर दुबे का पिता संजू दुबे की कुछ महीने पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिसके बाद अमर  की मां क्षमा दुबे (जिसे दो दिन पहले पुलिस ने जेल भेजा है) ने अमर को विकास दुबे के साथ लगा दिया था। तब से अमर हथियारो से लैस होकर विकास की सुरक्षा करता था। हालांकि जानकारों का कहना है कि पिता के जिंदा रहने के दौरान अमर ने विकास का हाथ थाम लिया था।  

Encounter में ढेर आतंक का पर्याय विकास दुबे का बॉडीगार्ड अमर दुबे।


Amar Dubey के चाचा अतुल दुबे को पुलिस ने घटना वाली सुबह ही Encounter में मार गिराया था। खबरों की मानें तो STF की टीम ने मध्यरात्रि ही अमर दुबे को घेर लिया था। STF से घिरने के बाद अमर दुबे ने बेखौफ होकर गोलियां दागी लेकिन इस बार मामला सीधे STF से था इस लिए वह ढेर हो गया। एक पिस्टल समेत कुछ असलहे और कारतूस पुलिस ने मौके से बरामद किए हैं। 

 
विकास दुबे के घर के बाहर बुलेट की सवारी करता एनकाउंटर में मारा गया अमर दुबे (फोटो साभार-सोशल  मीडिया)

STF के टॉरगेट पर अब चार "प्राणवायु"

इसमें पहला नाम हीरू का है। जो पूरी तरह से फाइनेंस का काम देखता था। दूसरा नाम गोपाल सैनी का है जो कि प्राप्रटी से जुड़े मामले देख रहा था, तीसरा नाम बड्डे दुबे का है, ये विकास दुबे का खानसामा है। माना जा रहा है कि ये विकास दुबे के साथ हो सकता है। चौथा नाम गुड्डू शुक्ला का है जो कि गैंग के सदस्यों की निगरानी के साथ-साथ गांव में वित्तीय लेनदेन और विवादों का काम संभालता है। 

2.5 लाख रुपए के इनामी विकास दुबे के साथ एक समारोह में बैठा उसका बॉडीगार्ड अमर दुबे (फोटो साभार-सोशल मीडिाय)

UPDATE--- Encounter में STF के हाथों मारे गए 25 हजार के इनामी बदमाश Amar Dubey के पास से पुलिस ने स्वचालित हथियार भी बरामद किया है। सूत्रों की मानें तो CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या में अमर दुबे का अहम रोल था। विकास के इशारे पर उसने ही शूटर्स की व्यवस्था आनन-फानन में की थी। विकास दुबे के लिए अमर एक "कवच" का काम करता था। वारदात के बाद सभी साथ-साथ भागे थे लेकिन बाद में सभी ने अलग-अलग राह पकड़ी ताकि पुलिस और STF को भ्रमित किया जा सके। 

मारे गए अमर दुबे की शादी 10 दिन पहले विकास दुबे ने ही करवाई थी। हालांकि लड़की के परिजन राजी नहीं थे लेकिन विकास की हनक के आगे सभी विवश हो गए। विवाह के बाद लड़की को दो दिनों तक विकास के घर में ही रोका गया था। उसके बाद विदाई कर दी गई थी।


 


-आयकर विभाग की बेनामी विंग और आयक निदेशालय करेगा जांच

-जय बाजपेयी के बेनामी संपत्तियों की "कुंडली" बनकर हो चुकी है तैयार

-फरवरी में सिंगापुर गया था Vikas Dubey का "मुनीम" जय बाजपेयी

-सिर्फ दुबई ही नहीं थाइलैंड में भी प्रापर्टी खरीदे जाने की जानकारी मिली

-मनी लॉड्रिंग की वजह से प्रवर्तन निदेशालय को भी किया गया Alert

 -STF (Lucknow) के DIG का देर शाम शासन ने किया तबादला

-पीएसी मुरादाबाद के DIG बनाए गए Anant Dev Tiwari

 

Yogesh Tripathi

संडे की सुबह Kanpur के काकादेव थाना एरिया में तीन लग्जरी गाड़ियों की बरामदगी के बाद UPSTF के रडार पर आए 2.5 लाख के इनामी Most Wanted विकास दुबे के "मुनीम" जय बाजपेयी पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। लंबी पूछताछ के बाद जय बाजपेयी के बेनामी संपत्तियों की "कुंडली" बनकर तैयार हो चुकी है। बड़े सूत्रों की मानें तो "कुंडली" बांचने की जिम्मेदारी आयक विभाग की बेनामी विंग और आयकर निदेशालय को देर-सबेर सौंपी जा सकती है। खबर ये भी है कि विदेश में प्रापर्टी खरीदने और तमाम निवेश की वजह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी Alert किया गया है। Kanpur में जय बाजपेयी की करीब एक दर्जन से अधिक बेशकीमती प्रापर्टी का सुराग अब तक लग चुका है।शहीद CO के शिकायती पत्र Viral होने के बाद आरोप से घिरे STF (Lucknow) के DIG अनंत देव तिवारी का तबादला पीएसी मुरादाबाद (डीआईजी) के पद पर शासन ने देर शाम कर दिया। उल्लेखनीय है कि बातचीत का एक वीडियो भी वॉयरल हो रहा था। जिसके बाद सरकार को किरकिरी से बचने के लिए फैसला लेना पड़ा।
ये फोटो कई साल पुरानी है। जिसमें विकास दुबे के ठीक बगल में जय बाजपेयी मौजूद है। (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Kanpur में इन बेशकीमती प्रापर्टी का मिला है सुराग

अभी तक की पूछताछ और छानबीन में पता चला है कि चेक संख्या 107 और चेक संख्या 111 पर चार-चार प्रापर्टी खरीदी गई हैं। आर्यनगर में एक फ्रीडम-फाइटर के घर से थोड़ी दूरी पर जय बाजपेयी ने करीब आधा दर्जन से अधिक बेशकीमती फ्लैट्स खरीदे हैं। साथ ही पनकी में एक आलीशान ड्यूप्लेक्स का भी पता चला है। इतना ही नहीं जिस घर में जय बाजपेयी रहता है, उसकी भी कीमत कई करोड़ रुपए बताई जा रही है। खास बात ये है कि ये प्रापर्टी खरीदने के लिए महज कुछ साल में अरबों रुपए की दौलत कहां से आई ? जय बाजपेयी के पास इसका न तो कोई ठोस सबूत है और न ही वह कुछ बता पाया है। 

सिंगापुर यात्रा को लेकर अफसर कर रहे हैं पूछताछ

अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि फरवरी के महीने में जय बाजपेयी ने सिंगापुर की यात्रा की थी। ये यात्रा क्यों की ? इसका जवाब फिलहाल अभी तक पूछताछ करने वाली टीम को नहीं मिला है। कयास तमाम तरह के लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इस बाबत जानकारी टीम को मिल सकती है। दुबई के साथ-साथ थाईलैंड में भी प्रापर्टी खरीदे जाने और रुपए के निवेश की जानकारी मिली है। मनी लॉड्रिंग के शक में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी छानबीन करने के लिए Alert किया गया है। लाइसेंसी असलहों और लग्जरी गाड़ियों के बारे में भी पड़ताल की जा रही है।

जय बाजपेयी को है Gold खरीदने का शौक


गैंगस्टर Vikas Dubey के करीबी जय बाजपेयी को Gold खरीदने का शौक है। शौक भी ऐसा-वैसा नहीं है। वह एक बार में 15 से 20 लाख रुपए का सोना खरीदता है। ताजा उदाहरण कुछ महीना पहले उसके बेटे का बर्थ-डे रहा है। चर्चा है कि बर्थ-डे में उसने बेटे को सोने के गहनों से लाद दिया था। जांच टीम इस बात का पता लगा रही है जय बाजपेयी ने अब तक कितना सोना-हीरा खरीदा है। माना जा रहा है कि कई किलो सोना जय बाजपेयी खरीद चुका है।

SSP (KNR) दिनेश कुमार पी ने बड़ा एक्शन लेते हुए चौबेपुर थाने के पूरे स्टाफ को बदल दिया। कई पुलिस कर्मियों की लाइन में आमद भी करा दी गई है। चौबेपुर थाने में नए स्टाफ की पोस्टिंग की गई है। उल्लेखनीय है कि बिकरू कांड के बाद से चौबेपुर थाने के पूरे स्टाफ की गतिविधियां पूरी तरह से संदिग्ध पाई गई। जिसमें थानेदार विनय तिवारी समेत कई पुलिस कर्मियों की विकास दुबे से बातचीत की बात सामने आ चुकी है।  


-7 दिन पहले जय बाजपेयी ने Vikas Dubey के खाते में ट्रांसफर किए थे 15 लाख रुपए

-जय बाजपेयी ने 15 करोड़ रुपए के कीमत का फ्लैट दुबई में खरीद रखा है

-Vikas Dubey से 2 प्रतिशत पर रकम लेकर जय बाजपेयी उसे 5 प्रतिशत पर बांटता है

-मंडे की Night जय बाजपेयी को Lucknow लेकर पहुंची UPSTF की टीम

-थर्ड डिग्री झेल नहीं पाया गैंगस्टर विकास दुबे का "कारखास"

-जय बाजपेयी का "सरकारी दामाद" बनना करीब-करीब "पक्का"

-परिवार के दो सदस्यों को अलग रखकर STF कर रही है पूछताछ 

-जय के बाद लपेटे में आ सकते हैं कई और कनपुरिया लड़के 

फोटो साभार-सोशल मीडिया।

Yogesh Tripathi


UPSTF के चंगुल में फंसा Kanpur का जय बाजपेयी अंतत: टूट गया। Lucknow में देर रात्रि पूछताछ के दौरान जय बाजपेयी ने तमाम राज उगल दिए। जय ने एसटीएफ को बताया कि 7 दिन पहले उसने विकास दुबे के खाते में 15 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की थी। जय बाजपेयी ने ये भी बताया कि दुबई में 15 करोड़ रुपए के कीमत का उसने फ्लैट खरीद रखा है। खबर ये भी है कि जय बाजपेयी ने विकास दुबे से करीब साढ़े पांच करोड़ की रकम लेकर 2 प्रतिशत के ब्याज पर लेकर उसे कानपुर के लोगों के बीच 5 प्रतिशत पर दे रखी है। खाते में ट्रांसफर की गई रकम ब्याज की बताई जा रही है। जय के कुछ परिजनों से भी एसटीएफ के टीमें पूछताछ कर रही हैं। सभी को अलग-अलग स्थानों पर रखा गया है। कुछ विशेष अफसरों को ही जय के पास जाने की अनुमति है। सूत्रों की मानें तो जय को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है।विश्वस्त सूत्रों की मानें तो STF की तरफ से की जा रही जय बाजपेयी की "मेहमाननवाजी" का दौर अभी कुछ समय तक और चलेगा।

उल्लेखनीय है कि कुछ घंटे पहले ही www.redeyestimes.com (News Portal) ने जय बाजपेयी की तरफ से जल्द बड़े खुलासे की खबर ब्रेक की थी। बड़े सूत्रों की मानें तो जय बाजपेयी का अब "सरकारी दामाद" बनना करीब-करीब "पक्का" माना जा रहा है। उधर, Lucknow (Range) की IG लक्ष्मी सिंह कानपुर के बिल्हौर थाने मंगलवार की सुबह पहुंची। चर्चा ये है कि लक्ष्मी सिंह शहीद CO की तरफ से थानेदार के खिलाफ की गई शिकायतों की गोपनीय जांच कर रही हैं। खास बात ये है कि बिकरू केस की जांच अभी तक STF के DIG अनंत देव तिवारी कर रहे थे लेकिन आरोप की बौंछार होते ही उनके खिलाफ ही जांच के निर्देश हाकिमों ने जारी कर दिए हैं।

7 साल में जय बाजपेयी बन गया अरबपति

ब्रम्हनगर निवासी जय बाजपेयी  पिछले कई साल से कानपुर के लिए किसी कौतूहल से कम नहीं था। करीब सात साल पहले तक एक प्रिन्टिंग प्रेस में महज कुछ हजार रुपए की पगार पर नौकरी करने वाला जय कब अरबपति बन बैठा किसी को भनक तक नहीं लगी। दर्जनों बेशकीमती बंगलों का मालिक है जय बाजपेयी। पुलिस विभाग के दरोगा से लेकर तमाम अफसरों की हर सुविधा का ख्याल रखने वाला जय बाजपेयी मंहगी कारों का भी शौकीन है। पुलिस ने दो दिन पहले जो लावारिस कारें बरामद की हैं, उसका कनेक्शन जय बाजपेयी से है। यही वजह है कि वह UPSTF के सीधे रडार पर आ गया। एक बड़े अफसर की मानें तो जय बाजपेयी अभी और गहरे राज भी उगल सकता है। यही वजह है कि उसे बेहद गोपनीय स्थान पर रखा  गया है। जय के पास एक पेट्रोल पंप होने की बात भी प्रकाश में आई है। पुलिस जय के बैंक खातों के साथ-साथ उसके परिजनों के बैंक खाते भी खंगाल रही है।

फोटो साभार-सोशल मीडिया।

IPS Officer के साथ Viral हो रही है जय बाजपेयी की Photo


जय बाजपेयी फिलहाल अभी तक जांच में मजबूत कड़ी बनकर सामने आया है। उसके हिरासत में लिए जाते ही सोशल मीडिया पर तमाम फोटो वॉयरल होने लगीं। कमेडियन अन्नू अवस्थी से लेकर शहर में एसएसपी के पद पर तैनात रहे अनंत देव तिवारी के साथ वाली फोटो अब यूपी की सियासत में भूचाल ला चुकी हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल सीधे तौर पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोल रहे हैं। एक फोटो सीनियर आइएस और वर्तमान में प्रशासनिक अमले में सबसे बड़े पद पर कार्यरत अफसर की भी वॉयरल हुई है। इसे लेकर भी कांग्रेस की सोशल मीडिया ने सीधे यूपी की सरकार को आड़े हाथों लिया है। सोशल मीडिया में पिन्टू सेंगर मर्डर केस के एक आरोपी की भी फोटो अनंत देव तिवारी के साथ वॉयरल हो रही है। जिसमें वह उन्हें विदाई के समय बुके दे रहा है। ये आरोपी करीब 22 साल पहले शहर के चर्चित अपहरण केस में आरोपी रहा है।

UPCM योगी आदित्यनाथ ने देर रात्रि की Meeting


बिकरू कांड में यूपी पुलिस के साथ-साथ सरकार की भी किरकिरी हो रही है। 100 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन 2.5 लाख रुपए का इनामी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस की 100 टीमें गिरफ्तार नहीं कर सकी हैं। सरकार की साख को बचाने के लिए देर रात्रि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ बड़े और भरोसेमंद अफसरों के साथ अहम मीटिंग की। बैठक के दौरान विकास दुबे को ढेर करने के साथ-साथ तमाम और बिन्दुओं पर भी मुख्यमंत्री ने तेज तर्रार अफसरों को निर्देश दिए। खबर ये भी है कि इस मीटिंग का असर अब और अधिक देखने को मिलेगा।

पुलिस महकमें में चलता था जय बाजपेयी का "सिक्का"

सूत्रों की मानें तो गैंगस्टर से "याराना" निभाने वाले जय बाजपेयी का सिक्का पुलिस महकमें में खूब चलता था। दरोगा और थानेदारों से लेकर तमाम बड़े अफसर उसकी तरफ से मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं को आदी बन चुके है। यही वजह है कि शहर के तमाम अफसरों का वह करीबी बना रहा। पकड़े जाने के बाद आने वाली तमाम बाधाओं से बचने के लिए ही STF की टीम ने उसे लखनऊ ले जाना बेहतर समझा। कानपुर में न सिर्फ उसे हर पल की लोकेशन दी जा रही थी बल्कि उसे बचाने के लिए प्रयास भी चल रहे थे।

UPDATE---सूत्रों की मानें तो मंगलवार को पुलिस की एक टीम ने जय बाजपेयी के घर पहुंचकर काफी देर तक तलाशी ली। देर रात्रि तक जय बाजपेयी से जुड़ी कुछ और बड़ी खबरें आ सकती हैं।






-Kanpur (BJP)  के दो MLA से गैंगस्टर Vikas Dubey के करीबी रिश्ते

-3 साल पहले STF से पूछताछ का Video सोशल मीडिया में हो रहा है Viral

-अभिजीत सांगा, भगवती प्रसाद सागर का Vikas Dubey ने लिया नाम

-एक वीडियो में Vikas ने Ex.Minister हरिकिशन श्रीवास्तव को बताया "राजनीतिक गुरु"

-शहीद CO देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर के सस्पेंड थानेदार की करतूतों का चिट्ठा SSP को दिया था

-शिकायती पत्र देने के बाद भी Anant Dev Tiwari ने नहीं लिया था कोई एक्शन

-शिकायती पत्र के सोशल मीडिया में Viral होने के बाद अफसरों में हड़कंप

-IG ने पत्रकारों से कहा कि, मामले की File को किया है तलब, होगी कार्रवाई  

-Unnao में पुलिस ने लगाए विकास दुबे के पोस्टर

 

Yogesh Tripathi


Kanpur के बिकरू कांड को करीब 90 घंटे से अधिक का समय हो चुका है। UP की हाइटेक पुलिस के हाथ Vikas Dubey की गर्दन तक नहीं पहुंच सके हैं। करीब 900 पुलिस कर्मियों की 60 टीमें Vikas की गिरफ्तारी के लिए लगाई गई हैं लेकिन रिजल्ट अभी तक शून्य है। चर्चा है कि Vikas Dubey यूपी की सीमा को क्रॉस कर चुका है। शायद यही वजह है कि सूबे की पुलिस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश पुलिस से मदद मांगी है। विकास दुबे के सिर पर रखी जाने वाली इनामी राशि हर दिन बढ़ रही है। DGP ने विकास को जिंदा या मुर्दा गिरफ्तारी पर अब इनाम 2.5 लाख कर दिया है। टोल प्लाजा से लेकर हाइवे तक Vikas Dubey के पोस्टर पुलिस लगाती फिर रही है। देर शाम की खबर है कि UPSTF की एक टीम Kanpur जय बाजपेयी को लेकर Lucknow के लिए रवाना हो गई है। इसके पीछे बड़ी वजह बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर अब IPS Officer अनंत देव तिवारी पर लग रहे आरोप को लेकर भी सवालों का दौर शुरु हो चुका है। Twitter पर पत्रकार और तमाम नेता सरकार से पूछ रहे हैं कि आखिर अनंत देव से पूछताछ कब होगी। गौरतलब है कि अनंत देव कानपुर में लंबे समय तक SSP/DIG रहे हैं। हाल में ही उनका तबादला DIG (STF) के पद पर लखनऊ के लिए यूपी सरकार ने किया है। हालांकि SSP_KNR दिनेश कुमार पी ने सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रहे पत्र के बाबत कहा कि उन्होंने इसकी जांच कराई है लेकिन मामला अभी तक की जांच में सही नहीं मिला है।

आधा दर्जन सांसद और विधायकों से है "याराना"


सोशल मीडिया पर Video के वॉयरल होने के बाद सत्ता के गलियारों में हड़कंप मच गया। देश के चर्चित बिकरू हत्याकांड को लेकर मचे बवाल के बीच जब विधायकों को यह बात पता चली तो दोनों तुरंत बचाव की मुद्रा में आ गए। टीवी चैनलों की तमाम डिबेट्स में दोनों ही विधायक बचाव में अपना पक्ष रखते नजर आए। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि यदि परतें और खुलीं करीब आधा दर्जन और "माननीयों" के चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं। इसमें कुछ संसद के अंदर भी बैठते हैं। जानकारों की मानें तो करीब आधा दर्जन से अधिक सांसदों और विधायकों का विकास से "याराना" है। समय-समय पर सभी ने विकास की मदद की है और बदले में विकास ने भी मदद की। तीन वीडियो को गौर से देखने के बाद एक सवाल यह उठता है कि "गैंगस्टर और माननीयों" ये रिश्ता आखिर क्या कहलाता है ?

जय बाजपेयी से अभी भी जारी है पूछताछ 


कानपुर में तीन लावारिश कारों के मिलने के बाद संडे को STF और पुलिस के रडार पर आए जय बाजपेयी से अब तक कई चक्र की पूछताछ हो चुकी है। Vikas Dubey से उसका क्या कनेक्शन है ? यह करीब-करीब अफसर जान चुके हैं। एक युवा बीजेपी नेता भी जांच के दायरे में है। पुलिस टीम की तरफ से अभी इन सबको क्लीन चिट नहीं मिली है। पुलिस सुबह-दोपहर और रात को पेशी पर बुला रही है। विकास को लेकर तमाम "यक्ष प्रश्न" का सही जवाब नहीं मिला है। माना जा रहा है कि सख्ती बढ़ सकती है। वहीं, देर शाम एसटीएफ की टीम जय बाजपेयी को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई है। खबर ये भी है कि एसटीएफ जय बाजपेयी के कुछ परिजनों को भी साथ ले गई है।

Vikas Dubey को प्राप्त है बड़ा राजनीतिक संरक्षण


विकास दुबे को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल ही सवाल उठ रहे हैं। बात मुखबिरी की हो, या फिर सीओ की तरफ से थानेदार की शिकायत को लेकर लिखे गए पत्र की हो। जानकारों का मानना है कि सूबे की पुलिस सक्षम है। उसके पास STF, ATS जैसी ताकतवर विंग मौजूद है। किसी भी अपराधी, आतंकी को यह टीमें कुछ घंटों सफाया कर सकती हैं तो फिर विकास दुबे क्या औकात ? जानकारों का तर्क है कि विकास के पीछे निश्चित तौर पर कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण है। जिसकी वजह से पुलिस और तमाम टीमें उस पर जल्द हाथ नहीं डाल सकेंगी। जानकार ये भी कहते हैं कि जब तक विकास मारा नहीं जाएगा, राजनीति और पुलिस विभाग से जुड़े उसके तमाम खास लोग बेनकाब होते रहेंगे।





-मुख्य आरोपी पप्पू स्मार्ट समेत 6 को पुलिस ने किया गिरफ्तार

-शूटर्स समेत कुछ बदमाशों की है पुलिस को तलाश

-पप्पू स्मार्ट का भाई भी पुलिस के हत्थे चढ़ा

-हत्याकांड के पीछे की वजह पुलिस ने प्रापर्टी और लेनदेन का विवाद बताया

-पुलिस के प्रेस नोट में दो हत्यारोपितों का जिक्र तक नहीं

 
Police अभिरक्षा में पिन्टू सेंगर मर्डर केस के 6 आरोपी।

Yogesh Tripathi


करीब दो सप्ताह पहले Kanpur के चकरी में दिनदहाड़े फिल्मी स्टाइल में मारे गए हिस्ट्रीशीटर और भू-माफिया Narendra Singh (Pintu Sengar) के हत्याकांड का पुलिस ने फ्राइ-डे को आनन-फानन में खुलासा कर दिया। पुलिस ने सरकारी अभिलेखों में मुख्य आरोपी पप्पू स्मार्ट समेत 6 लोगों को गिरफ्तार करने का उल्लेख किया है। गिरफ्तार लोगों में पप्पू स्मार्ट का भाई कक्कू भी शामिल है।  पुलिस का दावा है कि हत्या के पीछे की पृष्ठभूमि में रुपए का लेनदेन और प्रापर्टी का विवाद रहा था। जिसके बाद सभी आरोपितों ने पिन्टू के मर्डर का ब्लूप्रिंट बनाया और भाड़े के हत्यारों को सुपारी देकर हत्या करवा दी।
आरोपी तौसीफ उर्फ कक्कू।


Pintu Sengar के हत्या की गुत्थी सुलझा लेने का दावा कर रही चकेरी पुलिस ने दो ऐसे लोगो को भी पकड़ा है जिनके नाम का उल्लेख न तो FIR में है और न ही पिन्टू के परिवार की तरफ से दी गई तहरीर में शामिल है। हां गौर करने वाली बात ये है कि नामजद आरोपी दो अधिवक्ताओं का पुलिस की कहानी में किसी तरह का कोई जिक्र तक नहीं है। जानकार सूत्रों की मानें तो खुलासे में "एक्सचेंज ऑफर" का फार्मूला भी चला। यही वजह रही कि हत्याकांड में तीन नए "किरदार" भी सामने आए और पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की।

सबसे बड़े सवाल ये भी है कि आखिर ऐसे कौन सी वजह थी कि पुलिस को शुक्रवार के दिन ही आनन-फानन में इस खुलासे के लिए बाध्य होना पड़ा। वह भी तब जब Kanpur के करीब-करीब सभी थानों की फोर्स रात से ही चौबेपुर के बिकरू गांव में मौजूद थी। यहां पर गैंगस्टर विकास दुबे के साथ मुठभेड़ में पुलिस के सीओ समेत 8 जवान शहीद हो गए। शहर की मीडिया भी बिकरू में ही मौजूद थी। फिर खुलासे के पीछे इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गई ?

दबी जुबान से ही सही लेकिन मीडिया और तमाम लोग पुलिस के इस खुलासे को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। शूटर्स अभी तक पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर हैं। हत्याकांड में प्रयुक्त बाइक, असलहे अब तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है।

पिन्टू सेंगर मर्डर केस का मुख्य आरोपी पप्पू स्मार्ट।

पप्पू स्मार्ट ने दी 40 लाख की सुपारी


पुलिस के दावों पर यदि विश्वास करें तो पप्पू स्मार्ट ने पिन्टू सेंगर की हत्या कराने के लिए 40 लाख रुपए की सुपारी तनवीर नाम के व्यक्ति को दी। जिसमें 8 लाख रुपए की धनराशि एडवांस के तौर पर दी गई। विवाद के बाद 7 लाख रुपए तनवीर को और दिए गए। इसके बाद पप्पू स्मार्ट अपने परिवार के साथ सेफ जोन में चला गया। सप्ताह भीतर ही शूटर्स के जरिए पिन्टू की हत्या करवा दी गई। पुलिस का दावा है कि वारदात से पहले सुपारी की एडवांस रकम देकर मध्य प्रदेश के भिलाई पहुंच गया था।

Arrest हत्यारोपितों के नाम


1-मोहम्मद आसिम उर्फ पप्पू स्मार्ट
2-तौसीफ उर्फ कक्कू (पप्पू स्मार्ट का भाई)
3-मनोज गुप्ता (निवासी चकेरी)
4-श्याम सुशील त्रिवेदी 
5-वीरेंद्र पाल
6-तनवीर बादशाह
(सभी निवासी चकेरी थाना एरिया)

FIR में रजिस्टर्ड आरोपितों के नाम


1-पप्पू स्मार्ट
2-सऊद अख्तर
3-दीनू उपाध्याय
4-अरिदमन सिंह
5-महफूज अख्तर
 6-मनोज गुप्ता
7-अज्ञात व्यक्ति

-Police की फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीम को मौके से मिले AK-47 के खोखे

-अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा लेकर मौजूद था गैंगस्टर Vikas Dubey

-संवेदनशील बिकरू गांव में गैंगस्टर के पास अत्याधुनिक हथियार कैसा पहुंचा ?

-Police की खुफिया इकाई LIU एक बार फिर फेल साबित हुई

 -Kanpur Range की सभी सीमाएं सील, बैरीकेडिंग लगाकर सर्चिंग 

 -UPSTF की टीम ने मौके पर पहुंचकर संभाला मोर्चा

 
हमले में शहीद UP Police का जवान।

Yogesh Tripathi



Kanpur के चौबेपुर थाना एरिया स्थित बिकरू गांव में मध्यरात्रि दबिश के लिए गई पुलिस टीम पर हमले में गैंगस्टर Vikas Dubey और उसके शूटर्स ने अत्याधुनिक असलहों का जमकर प्रयोग किया। www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में एक अधिकारी ने दबी जुबान से बताया कि कुछ खोखे मिले हैं। माना जा रहा है कि ये खोखे AK-47 जैसे प्रतिबंधित हथियार के हैं। जांच के बाद इसकी पुष्टि हो सकेगी।
Kanpur में UP Police के 8 जवानों की हत्या का मुख्य मॉस्टर माइंड गैंगस्टर Vikas Dubey ।


विकास और उसके शूटर्स के पास ये हथियार बिकरू गांव कैसे पहुंचे ? गैंगस्टर और उसके शूटर्स की मौजूदगी गांव में थी लेकिन पुलिस को भनक क्यों नहीं लगी ? यदि समय रहते पुलिस को पास ये सूचना होती तो शायद दबिश देने गई टीम अलर्ट होकर भारी बंदोबस्त के साथ पहुंचती। जानकारों की मानें तो सटीक सूचनाएं न मिलने की वजह से बड़ी चूक हुई है। 


 वहीं, पुलिस टीम पर बड़े हमले और 8 पुलिस कर्मियों की शहादत के बाद Kanpur Range की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। प्रमुख मार्गों और चौराहों पर बैरीकेडिंग कर पुलिस की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन कर रही हैं। खबर ये भी आ रही है कि पुलिस टीम ने बिकरू से थोड़ी दूरी पर स्थित एक गांव के पास विकास के तीन गुर्गों को Encounter में ढेर कर दिया है। हालांकि इसकी अभी अधिकारिक पुष्टि पुलिस के किसी अफसर ने नहीं की है।

Vikas Dybey को हमेशा मिलती रही राजनीतिक "छतरी"


गैंगस्टर Vikas Dubey ने सबसे पहला चुनाव ग्राम प्रधानी का जीता। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रधान बनने के बाद वह जिला पंचायत का चुनाव जीता। वर्ष 2000 में विकास ने शिवली थाना एरिया स्थित ताराचंद्र इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी। कोर्ट ने उसे इस हत्याकांड में उम्रकैद की सजा मुकर्रर की है। इससे भी बड़ा जघन्य अपराध विकास ने वर्ष 2001 में शिवली थाना परिसर के अंदर किया। उस समय यूपी में बीजेपी की सरकार थी। 

कानपुर देहात की राजनीति में सक्रिय रहने वाले बीजेपी नेता संतोष शुक्ला तब दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री थे। 
शिवली थाने के अंदर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने संतोष शुक्ला की हत्या कर दी। हालांकि कोर्ट में ट्रायल के 
दौरान सबूत और साक्ष्यों के अभाव में विकास दुबे बरी हो गया। इस दौरान उसने अपने शूटर्स की एक बड़ी टीम खड़ी कर ली। 

वर्ष 2003 में विकास दुबे के भाई की हत्या कर कानपुर के कल्याणपुर थाना एरिया में कर दी गई। इसके बाद वर्ष 2004 में विकास दुबे केबिल कारोबारी दिनेश दुबे की हत्या की। इससे पहले भी कई हत्याओं में विकास का नाम आया। विकास पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी समेत कई संगीन धाराओं के मुकदमें यूपी के कई जनपदों में दर्ज हैं। 



-Kanpur के चौबेपुर थाना एरिया के बिकरू गांव में दबिश के दौरान हमला

-गैंगस्टर Vikas Dubey (Deepu Dubey) को Arrest करने पहुंची थी Police

-अंधाधुंध फायरिंग में CO, SHO समेत 8 पुलिस कर्मियों के शहीद होने की खबर

-करीब आधा दर्जन से अधिक घायल पुलिस वालों को LLR में एडमिट कराया गया

-Kanpur Nagarm Kanpur Dehat, Kannauj जनपदों की फोर्स मौके पर पहुंचीं

-Mid-Night से पुलिस के सैकड़ों जवान कर रहे हैं कई गावों में कांबिंग

-मौका-ए-वारदात पर पहुंचे Kanpur Police के आला अफसर 

हमले में शहीद पुलिस कर्मी का शव।

Yogesh Tripathi


Kanpur के ग्रामीण आंचल स्थित चौबेपुर थाना एरिया के बिकरू गांव में Mid-Night गैंगस्टर Vikas Dubey (Deepu Dubey) को Arrest करने पहुंची पुलिस टीम को घेर कर हमला बोल दिया गया। हमलावरों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलियों की बौंछार की। CO, SHO समेत 8 पुलिस कर्मियों के शहीद होने की खबर Police के अफसरों ने की है। फायरिंग में 6 पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सभी को उपचार के लिए Kanpur स्थित LLR Hospital में भर्ती कराया गया है। ADG (Kanpur Zone) J.N Singh, IG (Range) Mohit Agrwal, Kanpur (SSP) Dinesh Kumat (P) देर रात्रि मौके पर पहुंच गए। हमलावर गैंगस्टर और उसके गुर्गों व ग्रामीणों की धरपकड़ के लिए बड़े स्तर पर कांबिंग जारी है। बड़े घटनाक्रम पर UP Police के DGP और CM योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जानकारी खुद ली। बताया जा रहा है कि कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश CM Office से रात में ही जारी किया गया है। 


छत से पुलिस टीम पर की अंधाधुंध गोलियों की बौंछार 


www.redeyestimes (News Portal) के बिल्हौर संवाददाता के मुताबिक देर रात्रि सीओ की अगुवाई में बिठूर, चौबेपुर पुलिस थानों की फोर्स बिकरू गांव में विकास दुबे को दबोचने के लिए पहुंची। पुलिस की टीमों ने घेराबंदी कर जब विकास के घर में दाखिल होन की कार्रवाई शुरु की तो इसी बीच फायरिंग शुरु हो गई। पुलिस टीम को जरा भी समय अपने बचाव के लिए नहीं मिला। सूत्रों की मानें तो अत्याधुनिक असलहों से लैस हमलावरों ने पुलिस टीम को चारो तरफ से घेरकर अंधाधुंध कई राउंड फायरिंग की। मौके पर ही CO, SHO, SO समेत करीब 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए। 

बिकरू गांव को Police ने चारो तरफ से घेरा, कांबिंग जारी


8 पुलिस कर्मियों के शहीद होने की खबर मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। ADG (Kanpur Zone) J.N Singh, IG (Range) Mohit Agrwal, Kanpur (SSP) Dinesh Kumat (P) देर रात्रि मौके पर पहुंच गए। कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज समेत कई जनपद की फोर्स को मौके पर ही बुलवा लिया गया। रात में ही पुलिस की दर्जनों टीमों ने विकास दुबे और उसके गुर्गों की तलाश में कांबिंग शुरु कर दी। समाचार लिखे जान तक किसी के गिरफ्तारी या फिर Encounter में मारे जाने की खबर नहीं मिली। गांव में दहशत का माहौल है। सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे के साथ घटना के वक्त करीब दर्जन भर से अधिक हथियारबंद बदमाश उसके घर पर मौजूद थे। शायद इसकी भनक पुलिस को नहीं लगी थी। जिसकी वजह से बड़ा कांड हो गया।

राज्यमंत्री की थाने में हत्या कर चुका है गैंगस्टर Vikas Dubey


करीब दो दशक पहले गैंगस्टर विकास दुबे ने कानपुर देहात के शिवली थाने के अंदर दिनदहाड़े दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोश शुक्ला की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में हालांकि वह कोर्ट से बरी हो चुका है। विकास पर करीब दो दर्जन से अधिक संगीन धाराओं में मुकदमें कई थानों में दर्ज हैं। यूपी में बीजेपी सरकार के आने के बाद विकास पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। जिसके बाद विकास को STF ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 


हमले में शहीद पुलिस कर्मियों के नाम


1-देवेंद्र कुमार मिश्र,सीओ बिल्हौर
2-महेश यादव,एसओ शिवराजपुर
3-अनूप कुमार,चौकी इंचार्ज मंधना
4-नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर
5-सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर
6-राहुल ,कांस्टेबल बिठूर
7-जितेंद्र,कांस्टेबल बिठूर
8-बबलू कांस्टेबल बिठूर

www.redeyestimes.com (News Portal) के पास जो जानकारियां हैं उसके मुताबिक 302 के एक मामले में चौबेपुर थाना प्रभारी फोर्स के साथ दबिश देने के लिए विकास दुबे के घर पहुंचे थे। फोर्स को कम देख विकास दुबे और उसके गुर्गों ने फायरिंग की। जिसमें चौबेपुर थानेदार समेत कई पुलिस वाले घायल हो गए। वायरलेस पर सूचना मिलते ही सीओ बिल्हौर, इंस्पेक्टर, बिठूर, बिल्हौर भी फोर्स को लेकर पहुंच गए। जिसके बाद विकास और उसके गुर्गों ने अफसरों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलियां बरसाईं।


Live Update-----


-Kanpur Dehat जनपद से Police ने गैंगस्टर Vikas Dubey के बहनोई दिनेश तिवारी को उठाया।
-ADG (L/O) प्रशांत कुमार थोड़ी देर पहले बिकरू गांव पहुंचे।
-समाजवादी पार्टी ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजे की मांग की।
-Kanpur Range के अंतर्गत आने वाले सभी जनपदों की सीमाएं Police ने बैरियर लगाकर सील की।
-UPCM योगी आदित्यनाथ ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए।
-DM (Kanpur Nagar) ब्रम्हदेव राम तिवारी भी पहुंचे।